जापान के वैज्ञानिकों ने एक अद्भुत उपलब्धि हासिल की है। 5 नवंबर 2024 को स्पेसएक्स कार्गो कैप्सूल के माध्यम से दुनिया का पहला लकड़ी से बना उपग्रह (Wooden satellite) लिग्नोसैट अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पहुंचा। यह उपग्रह, जो आकार में हथेली जितना है, इस महीने के अंत में ISS से पृथ्वी की कक्षा में छोड़ा जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना है कि क्या लकड़ी अंतरिक्ष की कठोर परिस्थितियों का सामना कर सकती है। यदि यह मिशन सफल होता है, तो यह पर्यावरण के अनुकूल उपग्रह डिजाइन की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। लिग्नोसैट का निर्माण और उद्देश्य लिग्नोसैट जापान की क्योटो यूनिवर्सिटी और सुमितोमो फॉरेस्ट्री के संयुक्त प्रयास का परिणाम है। 2022 में वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में तीन अलग-अलग प्रकार की लकड़ी के नमूने भेजे थे। दस महीने के बाद इन नमूनों को पृथ्वी पर लाया गया और उनका विश्लेषण किया गया। विश्लेषण के आधार पर, उपग्रह के लिए मैग्नोलिया पेड़ की लकड़ी का चयन किया गया। क्योटो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कोजी मुराता ने कहा, "पहले कभी किसी ने सोचा भी नहीं था कि लकड़ी को रॉकेट विज्ञान में इस्तेमाल किया जा सकता है।" वैज्ञानिकों का मानना है कि लकड़ी के उपग्रह अंतरिक्ष में फैले कचरे की समस्या को हल कर सकते हैं। मौजूदा एल्यूमीनियम उपग्रह जब वायुमंडल में जलते हैं, तो हानिकारक एल्यूमिना कण छोड़ते हैं, जो पृथ्वी के पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके विपरीत, लकड़ी के उपग्रह जलने के बाद केवल पानी और कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ते हैं। भविष्य की संभावनाएं वैज्ञानिकों का कहना है कि इस प्रयोग के सफल होने पर चांद और मंगल पर पेड़ उगाने और लकड़ी से घर बनाने की संभावना बढ़ेगी। "लकड़ी, एक ऐसा संसाधन जिसे हम स्वयं उगा सकते हैं, हमें अंतरिक्ष में स्थायी जीवन जीने का मौका देगी," क्योटो यूनिवर्सिटी के एयरोस्पेस इंजीनियर ताकाओ डोई ने कहा। लिग्नोसैट छह महीने तक पृथ्वी की कक्षा में रहेगा और फिर वायुमंडल में जलकर नष्ट हो जाएगा। इस मिशन से प्राप्त डेटा के आधार पर बड़े और अधिक उन्नत लकड़ी के उपग्रहों को डिजाइन करने की योजना है। यह प्रयास न केवल अंतरिक्ष तकनीक में क्रांति लाएगा, बल्कि पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी को भी दर्शाएगा। और पढ़ें :- लोटपोट कॉमिक्स के साथ सितारों के बचपन के दिनों की यादें ताज़ा करें भारत सरकार ने शुरू किया हरित हाइड्रोजन मिशन, 100 करोड़ का निवेश Positive News : डांस या आत्मरक्षा एआई उपकरण ने खोजी 300 नई नाज़का लाइन्स