इसरो का साल का धमाकेदार अंत: स्पेडेक्स मिशन की शानदार लॉन्चिंग

भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 2023 के अंत में एक बड़ा कदम उठाते हुए स्पेडेक्स मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सोमवार को पीएसएलवी-सी60 के ....

By Lotpot
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ISRO Spacex mission creates history India achieves new heights in space
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इसरो का स्पेडेक्स मिशन: अंतरिक्ष में नई क्रांति का आगाज 

भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 2023 के अंत में एक बड़ा कदम उठाते हुए स्पेडेक्स मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सोमवार को पीएसएलवी-सी60 के जरिए इसरो ने “स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट” (स्पेडेक्स) को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। इस मिशन के साथ, भारत ने अमेरिका, रूस और चीन के उन देशों की सूची में अपना नाम दर्ज कराया, जिनके पास अंतरिक्ष में उपग्रहों को जोड़ने और अलग करने की तकनीक है।

स्पेडेक्स मिशन: तकनीक और महत्व

स्पेडेक्स मिशन का उद्देश्य अंतरिक्ष में दो छोटे उपग्रहों को एक साथ जोड़ना (डॉकिंग) और अलग करना (अनडॉकिंग) है। इस मिशन में "एसडीएक्स01" (चेज़र) और "एसडीएक्स02" (लक्ष्य) नाम के दो उपग्रहों का उपयोग किया गया। ये उपग्रह पृथ्वी की निचली कक्षा में एक दूसरे के साथ मिलकर कार्य करेंगे। इस तकनीक को “भारतीय डॉकिंग सिस्टम” नाम दिया गया है।

डॉकिंग तकनीक भविष्य के मिशनों जैसे "गगनयान," "चंद्रयान-4," और नियोजित भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह तकनीक भारत को अंतरिक्ष में दीर्घकालिक मिशनों के लिए आत्मनिर्भर बनाएगी।

कैसे बना यह मिशन खास?

स्पेडेक्स मिशन को पीएसएलवी रॉकेट के जरिए लॉन्च किया गया। यह न केवल भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस मिशन को भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं के लिए मील का पत्थर बताया।

स्पेडेक्स मिशन: एक बड़ी सफलता

यह मिशन इसरो के तकनीकी कौशल का अद्भुत प्रदर्शन है। इसकी सफलता ने भारत को अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक नई पहचान दिलाई है। यह मिशन भारत की अंतरिक्ष तकनीकों को विश्वस्तर पर ले जाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

स्पेडेक्स मिशन की सफलता ने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई दिशा दी है। यह मिशन न केवल वैज्ञानिक और तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत को वैश्विक स्तर पर अंतरिक्ष महाशक्तियों की कतार में मजबूती से खड़ा करता है।

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