काम्या कार्तिकेयन (Kamya Karthikeyan), जो केवल 12वीं कक्षा की छात्रा हैं, ने वह कर दिखाया जो अधिकांश लोग जीवन भर में नहीं कर पाते। काम्या ने साहस और दृढ़ निश्चय के बल पर सातों महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों पर चढ़ाई कर इतिहास रच दिया। यह उपलब्धि उन्हें भारत की सबसे कम उम्र की पर्वतारोही बनाती है, जिन्होंने इस चुनौतीपूर्ण मिशन को पूरा किया। काम्या की पर्वतारोहण यात्रा बचपन में ही शुरू हुई थी। हिमालय के बर्फीले पर्वतों से लेकर अंटार्कटिका के कड़कड़ाती ठंड तक, हर चुनौती का उन्होंने डटकर सामना किया। उन्होंने दुनिया के सात महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियां—माउंट एवरेस्ट (एशिया), माउंट एकोनकागुआ (दक्षिण अमेरिका), माउंट डेनाली (उत्तरी अमेरिका), माउंट किलिमंजारो (अफ्रीका), माउंट विंसन (अंटार्कटिका), माउंट एल्ब्रुस (यूरोप), और कार्स्टेंस पिरामिड (ऑस्ट्रेलिया)—पर चढ़ाई कर भारतीय तिरंगा फहराया। काम्या ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने परिवार, प्रशिक्षकों, और अपनी मेहनत को दिया। उनका कहना है कि यह सब सिर्फ एक सपना था, जिसे उन्होंने अपने मजबूत इरादों से हकीकत में बदला। उनकी यह उपलब्धि न केवल युवा पीढ़ी को प्रेरित करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि अगर दृढ़ निश्चय और साहस हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं। और पढ़ें बाल समाचार : नई शिक्षा नीति के तहत ब्रिटानिका की डिजिटल क्रांति वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन: 1.8 करोड़ छात्रों के लिए ज्ञान की नई क्रांति लकड़ी का उपग्रह: पृथ्वी से अंतरिक्ष तक का हरित सफर सावधान रहें: बाजार में नकली दवाओं का खुलासा, CDSCO की रिपोर्ट पढ़ें