मोटूराम की शरारत और आम की मिठास

यह कविता मोटूराम की आम के प्रति लालच और मजेदार अनुभव पर आधारित है। बाग में आम देखकर मोटूराम उसे तोड़ने की कोशिश में पेड़ पर चढ़ते हैं, लेकिन एक ततेया उन्हें डंक मारकर नीचे गिरा देता है

By Lotpot
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Bal kavia Moturam mischief and mango sweetness
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यह कविता मोटूराम की आम के प्रति लालच और मजेदार अनुभव पर आधारित है। बाग में आम देखकर मोटूराम उसे तोड़ने की कोशिश में पेड़ पर चढ़ते हैं, लेकिन एक ततेया उन्हें डंक मारकर नीचे गिरा देता है। इससे मोटूराम को सीख मिलती है कि लालच और जल्दबाजी में काम करना अक्सर मुश्किलें खड़ी कर सकता है। यह कविता बच्चों को लालच से बचने और सोच-समझकर कार्य करने का संदेश देती है।

मोटूराम की शरारत और आम की मिठास

मोटूराम चले बाग में घूमने,
आम की खुशबू लगी उनको चूमने।
देखा एक आम लटकता झूम-झूम,
सोचा, जल्दी से इसे तोड़ लूँ अब झूम।

चढ़ गए पेड़ पर फुर्ती से झट,
डाली पर बैठे लगाई एक सटीक झटपट।
जैसे ही आम को पकड़ने बढ़ाए हाथ,
तभी आया ततेया, करने लगा उसकी मात।

Bal kavia Moturam mischief and mango sweetness

गुस्से में ततेया ने किया हमला,
मोटूराम का हुआ अचानक पाला।
डाली से लुढ़कते नीचे गिरे वो धड़ाम,
सारा सपना टूटा, रह गए बेचारे अनजान।

दर्द से बिलबिलाए मोटूराम,
सोचा, क्यों किया ऐसा काम।
अब सीखा यह पाठ, रहेगा याद,
हर चीज पर नहीं करना चाहिए जल्दबाजी का विचार।