बंदर और चिड़िया की मस्ती इस कविता में बंदर और चिड़िया की मस्ती और दोस्ती का चित्रण किया गया है। दोनों के बीच संवाद से यह संदेश मिलता है कि दोस्ती और एक-दूसरे के साथ समय बिताना कितना मजेदार हो सकता है। By Lotpot 01 Oct 2024 in Poem New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 बंदर और चिड़िया की मस्ती- इस कविता में बंदर और चिड़िया की मस्ती और दोस्ती का चित्रण किया गया है। दोनों के बीच संवाद से यह संदेश मिलता है कि दोस्ती और एक-दूसरे के साथ समय बिताना कितना मजेदार हो सकता है। यह कविता बच्चों को सिखाती है कि विविधता में ही मज़ा है और हमें एक-दूसरे के साथ मिलकर खुश रहना चाहिए। बंदर बोला चिड़िया से,"कितनी सुरीली है तेरा गाना,आसमान में उड़ती तू,जैसे बहार का नज़ारा।" चिड़िया ने हंसकर कहा,"बंदर भाई, तुम तो हो शैतान,पेड़ों पर क्यूँ क्यूँ कूदते,मस्ती में करते हो समय बर्बाद।" बंदर बोला, "क्या मज़ा,जब झूलूँ मैं लटके पेड़ों पर,तेरे गाने के साथ,बन जाता हूँ मैं बेशुमार।" चिड़िया ने कहा, "आओ, दोस्त,साथ में उड़ें हम,फूलों की खुशबू से भर दें,हर गाने में रंग भर दें।" बंदर और चिड़िया,संग मिलकर कर लें मस्ती,एक-दूसरे के संग,बन जाएँ ये दोस्ती। ये कविता भी पढ़ें : सुन्दर कविता : मेरी प्यारी बड़ी दीदीकविता: चिंटू-मिंटू की मस्तीचूहे को बुखार की कवितासोनू की टॉफी: एक मीठी बाल कविता You May Also like Read the Next Article