बच्चों की लिए बाल कविता : हाय ठंडी!?

यह कविता ठंड के मौसम का मजेदार और मनोरंजक चित्रण करती है। ठंडी हवाएं चल रही हैं, दिन छोटे और रातें लंबी हो गई हैं। अब सूरज भी कम दिखता है, और हर कोई गर्म कपड़ों और रजाई-कंबल में सिमटा हुआ है।

By Lotpot
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Children poem for children Oh cold
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बच्चों की लिए बाल कविता - हाय ठंडी : - यह कविता ठंड के मौसम का मजेदार और मनोरंजक चित्रण करती है। ठंडी हवाएं चल रही हैं, दिन छोटे और रातें लंबी हो गई हैं। अब सूरज भी कम दिखता है, और हर कोई गर्म कपड़ों और रजाई-कंबल में सिमटा हुआ है। लोग अब गर्म दूध का आनंद ले रहे हैं और आइसक्रीम को अलविदा कह दिया है। यह कविता ठंड के आने की शुरुआत का संकेत देती है और आगे सर्दियों में और क्या-क्या रंग दिखाएगी, यह सोचकर सभी उत्साहित हैं।

 

ठंड ठंड की ठंडी में नवंबर की करें बात

 ठंडे ठंडे दिन है ठंडी ठंडी रात

 

ठंडी ठंडी रात कुछ ना दे सूझाई

अब तो बस दिखे भैया कंबल और रजाई।

 

अब नहीं कोई कहे रोज-रोज है नहाना

अब आया भारी गर्म कपड़ों का जमाना

 

सूरज ना दिखे दिन भर ना दिखे भैया धूप

रात ने है ले लिया लंबा-लंबा रूप

 

 अब तो काफी गर्म दूध हम सबको भाये ।

आइस क्रीम  कुल्फी को बोल दिया हमने टाटा बाय।

 

सुन लो कान लगाकर कहे भैया कविराय

अभी तो यह शुरुआत है सर्दी आगे न जाने क्या रंग दिखाएं

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