हिंदी बाल कविता: बादल आए आने दो

कविता में कवि ने बारिश की प्रतीक्षा और उसकी महत्वता को व्यक्त किया है। कवि चाहता है कि बादल आएं और जमकर पानी बरसाएं, ताकि तपती गर्मी और लू-लपटों से राहत मिल सके। कविता में कुल मिलाकर बारिश के लाभ और उसकी आवश्यकता पर जोर दिया गया है।

By Lotpot
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बादल आए आने दो

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बादल आए आने दो

बादल आए आने दो,
जमकर जल बरसाने दो।

लू-लपटें थीं कहर ढा रहीं,
उनको मजे चरवाने दो।

की मनमानी खूब धूप ने,
उसको मूंह की रवाने दो।

हांफ रही थी कब से गैया,
उसको प्यास बुझाने दो।

आज न रोको-टोको कोई,
जी भर हमें नहाने दो।

ताल-तलैया, नदियां-नाला,
सबको ही भर जाने दो।

खेत-खेत को हरियाली से,
निज श्रृंगार सजाने दो।

गुड़िया ने है नाव बनाई,
पानी में तैराने दो।

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