हिंदी बाल कविता: गोल मटोल रसगुल्ला

इस कवितानुसार जिस प्रकार रसगुल्ला अपनी मिठास से सबको खुश कर देता है उसी प्रकार हमें भी अपने जीवन और भाषा में मधुरता घोल लेनी चाहिए। तभी सब आपको भी अच्छा बताएँगे।

By Lotpot
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गोल मटोल रसगुल्ला

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गोल मटोल रसगुल्ला

गोल मटोल सा रसगुल्ला,
हंसकर हमसे ये बोला।

खुशियां हों तब आता हूं,
सबको खुश कर जाता हूं।

रस में भीगा रहता हूं,
सबसे मैं ये कहता हूं।

सबसे मीठा बोलो तुम,
दिल के मैल को धो लो तुम।

सब तुमको अपनाएंगे,
अच्छा तुम्हें बताएंगे।

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