बाल कविता : कर्म की राह
इस कविता (Poem) में कर्म की महानता को व्यक्त किया गया है। यह कविता बच्चों को प्रेरित करती है कि वे अपने जीवन में सही मार्ग का चयन करें और सच्चाई तथा मेहनत से हर कठिनाई को पार करें।
इस कविता (Poem) में कर्म की महानता को व्यक्त किया गया है। यह कविता बच्चों को प्रेरित करती है कि वे अपने जीवन में सही मार्ग का चयन करें और सच्चाई तथा मेहनत से हर कठिनाई को पार करें।
इस कविता "ओ सूरज भैया!" में कवि शिवनारायण सिंह ने गर्मी के मौसम का चित्रण किया है, जिसमें सूरज की तेज़ धूप से लोग व्याकुल हो रहे हैं। सूरज की गर्मी इतनी बढ़ गई है कि प्यास बढ़ती जा रही है और पानी दूर कहीं नजर नहीं आता।
एक-एक कदम आगे बढ़ाओ - यह कविता बच्चों को प्रेरित करती है कि छोटे-छोटे प्रयासों का बड़ा महत्व होता है। यदि हम एक-एक पेड़, ईट या पैसा जोड़ते हैं, तो हम बड़े लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं।
यह कविता बच्चों को चाँद और चाँदनी रात की जादुई दुनिया से जोड़ती है। इसमें चंदा मामा को एक प्यारे और स्नेही मामा के रूप में दिखाया गया है, जो आसमान में चमकते हैं और बच्चों को अपनी मखमली चाँदनी में लपेट लेते हैं।
यह कविता मेरी प्यारी बड़ी दीदी के प्रति एक सच्चे प्यार और सम्मान की भावना को दर्शाती है। दीदी का स्नेह, मार्गदर्शन और जीवन में उनके द्वारा दी गई प्रेरणा का वर्णन करते हुए, कविता हमें सिखाती है
"बच्चों की रेल" कविता बच्चों की दुनिया में मासूमियत और खेल को दर्शाती है। यह रेल बिना किसी इंजन या स्टेशन के लगातार चलती रहती है, जिसमें बच्चों का हंसना-खेलना और मस्ती का सफर अनंत होता है। उनके हर कदम में नई उमंग और खुशी का स्पंदन छिपा है।
इस कविता में गर्मी के मौसम के आने से जुड़े विभिन्न अनुभवों का वर्णन किया गया है। जब गर्मी के दिन आते हैं तब आदमी को ठंडी हवा, शीतल छाया, ठंडा पानी और मिठाई के खाने का आनंद लेने का मौका मिलता है।