हिंदी बाल कविता: तितली रानी

यह कविता एक तितली रानी की दृष्टि से उसकी सुंदरता और स्वतंत्रता को व्यक्त करती है। यह कविता बचपन की खुशी और उत्साह को दर्शाती है और प्राकृतिक सौंदर्य की महिमा को गुनगुनाती है।

By Lotpot
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तितली रानी

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तितली रानी

तितली रानी इतने सुंदर,
पंख कहाँ से लाई हो।

क्या तुम कोई शहज़ादी हो,
या परी लोक से आई हो।

पंख अगर मिलते तितली को,
दूर दूर उड़ जाती मैं।

 फूल फूल और कली कली पर,
उड़ती और मंडराती मैं।

मेरी कहानी बस एक सपना है,
सूरज की किरणों संग खेलना है।

अपने पंखों से आसमान छूना है,
तितली रानी की यही दुनिया है।

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