हिंदी बाल कविता: बचपन

By Lotpot
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बचपन

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बचपन

कभी हंसाता कभी रूलाता,
ढेरों मित्र बनाता बचपन।

सबका प्यारा होता बचपन,
याद सभी को आता बचपन।

ऊंच-नीच का भेद न करता,
प्यार सभी का पाता बचपन।

अपनी नटखट लीलाओं से,
सबका मन हर्षाता बचपन।

चिड़ियाघर की सैर कराता,
सर्कस भी ले जाता बचपन।

खेल खिलौने गुडिया गुड्डा,
बच्चों को दिलवाता बचपन।

बच्चे जब बूढ़े हो जाते,
छोड़ उन्हें खो जाता बचपन।

दुखी दिनों में सुखी दिनों की,
याद दिलाने आता बचपन।

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