धरती का आँगन इठलाता
यह कविता धरती के अद्भुत सौंदर्य और उसके असीमित वैभव का गुणगान करती है। इसमें शस्य-श्यामला भूमि, स्वर्णिम फसलें, और वैभवशाली अंचल को श्रद्धांजलि दी गई है। कवि मानव और धरती के चिरकालिक संबंधों को दर्शाते हुए संदेश देता है
यह कविता धरती के अद्भुत सौंदर्य और उसके असीमित वैभव का गुणगान करती है। इसमें शस्य-श्यामला भूमि, स्वर्णिम फसलें, और वैभवशाली अंचल को श्रद्धांजलि दी गई है। कवि मानव और धरती के चिरकालिक संबंधों को दर्शाते हुए संदेश देता है
यह कविता माँ और बच्चे के रिश्ते की मधुरता और गहराई को व्यक्त करती है। यह छोटे बच्चे की मासूम भावनाओं को दर्शाती है, जो अपनी माँ के बिना अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता।
यह कविता चार चनों की मस्ती भरी कहानी है, जिसमें हर चने को अलग-अलग जानवरों को खिलाया जाता है। तोता गाने लगता है, घोड़ा दौड़ने लगता है, हाथी सूंड हिलाता है, बंदर करतब दिखाता है
यह कविता बच्चों के लिए हाथी के जीवन और उसकी आदतों को सरल और मनोरंजक तरीके से प्रस्तुत करती है। हाथी, जो एक विशालकाय और शांत जीव है, कविता में अपने भारी-भरकम कदमों के साथ “धम्मक-धम्मक” करता हुआ आता और जाता है।
Poem कविता "बंटी शंटी चले स्कूल" बच्चों के स्कूल जाने और पढ़ाई में रुचि लेने की कहानी को दर्शाती है। मुन्ना और मुन्नी, दो बच्चों की यात्रा, उनके सपनों और शिक्षा के प्रति उनके उत्साह को दिखाती है।
यह कविता "दूरबीन" की अद्भुत दुनिया को दर्शाती है। इसमें दूरबीन की मदद से बच्चों की कल्पना शक्ति और जिज्ञासा को बढ़ाने की बात की गई है। चाँद, तारे, ग्रह, और आकाश के अनोखे नजारे, बच्चों को ब्रह्मांड के रहस्यों की खोज में प्रेरित करते हैं।