चार चने की मस्ती भरी कविता

यह कविता चार चनों की मस्ती भरी कहानी है, जिसमें हर चने को अलग-अलग जानवरों को खिलाया जाता है। तोता गाने लगता है, घोड़ा दौड़ने लगता है, हाथी सूंड हिलाता है, बंदर करतब दिखाता है

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चार चने की मस्ती भरी कविता:- यह कविता चार चनों की मस्ती भरी कहानी है, जिसमें हर चने को अलग-अलग जानवरों को खिलाया जाता है। तोता गाने लगता है, घोड़ा दौड़ने लगता है, हाथी सूंड हिलाता है, बंदर करतब दिखाता है और चूहा बिल में भाग जाता है। यह कविता बच्चों के लिए मनोरंजन और कल्पना की दुनिया को जीवंत करती है।

नई कविता:
पैसा पास होता तो चार चने लाते,
चार में से एक चना तोते को खिलाते।
तोते को खिलाते तो टियाँ-टियाँ गाता,
टियाँ-टियाँ गाता तो बड़ा मज़ा आता।

पैसा पास होता तो चार चने लाते,
चार में से एक चना घोड़े को खिलाते।
घोड़े को खिलाते तो वह दुलकी चलाता,
दुलकी चलाता तो दिल खिल जाता।

पैसा पास होता तो चार चने लाते,
चार में से एक चना हाथी को खिलाते।
हाथी को खिलाते तो वो सूंड हिलाता,
सूंड हिलाता तो जंगल गूँज जाता।

पैसा पास होता तो चार चने लाते,
चार में से एक चना बंदर को खिलाते।
बंदर को खिलाते तो करतब दिखाता,
करतब दिखाता तो सबको हँसाता।

पैसा पास होता तो चार चने लाते,
चार में से एक चना चूहे को खिलाते।
चूहे को खिलाते तो बिल में भाग जाता,
बिल में भाग जाता तो मज़ा बढ़ जाता।

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