कविता: फलों की दुनिया

यह कविता बच्चों को फलों की दुनिया से परिचित कराती है और उन्हें स्वस्थ भोजन खाने के लिए प्रेरित करती है। कविता की शुरुआत फल बाजार की एक रंगीन तस्वीर से होती है,

By Lotpot
New Update
HINDI Poem World of Fruit
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

कविता: फलों की दुनिया -  यह कविता बच्चों को फलों की दुनिया से परिचित कराती है और उन्हें स्वस्थ भोजन खाने के लिए प्रेरित करती है। कविता की शुरुआत फल बाजार की एक रंगीन तस्वीर से होती है, जहाँ चीकू, केला, बेर और अनार जैसे विभिन्न स्वादिष्ट फल मौजूद हैं। इसके बाद, संतरे और मौसंबी जैसे रसदार फलों का जिक्र किया गया है, जिनकी मिठास और ताजगी सभी को पसंद आती है।

आगे बढ़ते हुए, कविता में हापुस, लंगड़ा और दशहरी आम को "फलों का राजा" कहा गया है, जो सचमुच स्वाद में बेमिसाल होते हैं। बेल, सेब और खरबूजा जैसे पोषण से भरपूर फलों को भी खास जगह दी गई है। हरे-भरे तरबूज की ताजगी और अंगूरों की खासियत को उजागर करते हुए, जामुन की काली सुंदरता की भी तारीफ की गई है।

इसके अलावा, सीताफल, अमरूद, पपीता, अंजीर और कीवी जैसे अनोखे फलों को भी सूची में शामिल किया गया है, जो अपने स्वाद और पोषण गुणों के लिए जाने जाते हैं। कविता के अंत में, बच्चों को संदेश दिया गया है कि वे हर मौसम के फल खाएँ ताकि वे ताकतवर और स्वस्थ बन सकें। लेकिन केवल फलों पर निर्भर न रहें – साग, रोटी और दाल जैसे संतुलित आहार को भी अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में शामिल करें।

आओ चलें फल के बाजार,
चीकू, केला, बेर, अनार।

नाज़ुक शहदूत के नखरे चार,
संतरे, मौसंबी की आई बहार।

हापुस, लंगड़ा और दशहरी,
फलों का राजा सब पर भारी।

बेल, सेब और खरबूजा,
हरा-भरा देखो तरबूजा।

अंगूरों की बात निराली,
जामुन की है सूरत काली।

सीताफल, अमरूद, पपीता,
अंजीर, कीवी हुए सुपीता।

हर मौसम के फल तुम खाओ,
फलों से ताकतवर तन पाओ।

लेकिन यह ना कभी भुलाना,
साग, रोटी, दाल भी खाना।

और पढ़ें : 

आम की टोकरी - हिंदी कहानी

सर्दी पर बाल कविता - "जाड़ा"

प्रेम-प्रीत हो सबकी भाषा

बाल कविता : जनवरी की सर्दी