हाथी: एक मजेदार कविता की सरल झलक- यह कविता बच्चों के लिए हाथी के जीवन और उसकी आदतों को सरल और मनोरंजक तरीके से प्रस्तुत करती है। हाथी, जो एक विशालकाय और शांत जीव है, कविता में अपने भारी-भरकम कदमों के साथ “धम्मक-धम्मक” करता हुआ आता और जाता है। इस लयात्मक दोहराव से बच्चों में कविता के प्रति रुचि और खुशी पैदा होती है।
कविता के माध्यम से हाथी के कुछ विशेष कार्यों का वर्णन किया गया है, जैसे जब हाथी पानी में जाता है तो अपनी सूंड में पानी भरकर नहाता है। यह दृश्य बच्चों को न केवल हाथी के विशाल शरीर का चित्रण कराता है बल्कि यह भी बताता है कि हाथी पानी में मस्ती करना कितना पसंद करता है।
इसके अलावा, कविता में एक मजेदार सवाल उठाया गया है कि हाथी कितने केले खाता है। लेकिन इस सवाल का जवाब खुद हाथी भी नहीं देता, जो बच्चों में कौतूहल और हंसी पैदा करता है। यह सवाल कविता में हल्के-फुल्के हास्य का पुट जोड़ता है, जो बच्चों को अधिक आनंदित करता है।
कुल मिलाकर, यह कविता बच्चों के मनोरंजन के साथ-साथ उन्हें प्रकृति और जानवरों के बारे में सीखने के लिए प्रेरित करती है। सरल भाषा, दोहराव और लयात्मक शैली के कारण यह बच्चों के लिए पढ़ने और याद करने में भी आसान हो जाती है। हाथी के जीवन के छोटे-छोटे पहलुओं को सहजता से प्रस्तुत कर यह कविता बच्चों के कोमल मन में जानवरों के प्रति प्रेम और जिज्ञासा उत्पन्न करती है।
हाथी
धम्मक धम्मक आता हाथी
धम्मक धम्मक जाता हाथी
जब पानी में जाता हाथी
भर भर सूंड नहाता हाथी
कितने केले खाता हाथी
यह तो नहीं बताता हाथी
धम्मक धम्मक आता हाथी
धम्मक धम्मक जाता हाथी