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अंधों की सूची
हिंदी नैतिक कहानी: अंधों की सूची:- एक बार राजा मान सिंह ने राज्य में अंधे लोगों को भीख देने का फैसला किया। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई अंधा व्यक्ति भीख लेने से छूट न जाए, राजा मान सिंह अपने लोगों से राज्य के सभी अंधे लोगों की सूची बनाने को कहते हैं। (Stories | Moral Stories)
उसके बाद मंत्री, राज्य के अंधे लोगों की सूची बनाकर राजा मान सिंह को दिखाते हैं और चतुर सिंह भी उस सूची को देखते हैं और फिर कहते हैं कि सूची अभी अधूरी है। चतुर सिंह ने सूची को पूरा करने के लिए कुछ समय मांगा।
अगले दिन चतुर सिंह एक खाट के साथ, एक बाजार के बीच में बैठते हैं और खाट को बुनना शुरू करते हैं। जब भी लोग उनके...
अगले दिन चतुर सिंह एक खाट के साथ, एक बाजार के बीच में बैठते हैं और खाट को बुनना शुरू करते हैं। जब भी लोग उनके पास से गुजरते हैं, लोग चतुर सिंह से पूछते हैं कि “आप क्या कर रहे हैं?” लेकिन चतुर सिंह कोई जवाब नहीं देते हैं। (Stories | Moral Stories)
जैसे ही दिन समाप्त होता है, मानसिंह राजा भी चतुर सिंह की हरकतों के बारे में सुनकर बाजार आते हैं और चतुर सिंह से पूछते हैं कि “चतुर सिंह तुम क्या कर रहे हो?” चतुर सिंह चुपचाप अपना खाट बुनने में व्यस्त थे उन्होंने राजा मानसिंह को कोई जवाब नहीं दिया।
अगले दिन, चतुर सिंह अंधे लोगों की एक लंबी सूची राजा मानसिंह को देता है और इस अंधे लोगों की सूचि में राजा मानसिंह का भी नाम था। मानसिंह, चतुर सिंह से यह पूछते हैं कि “इसमें मेरा नाम क्यों है?” उसके बाद चतुर सिंह कहते हैं कि “महाराज, आपके साथ साथ उस सूची में मौजूद सभी लोग कल मुझसे खाट बुनते समय पूछ रहे थे कि चतुर सिंह तुम क्या कर रहे हो, जबकि मैं तो सबके सामने सिर्फ खाट बुन रहा था फिर भी यह ऐसा सवाल पूछ रहे थे जैसे खाट दिखी ही नहीं सभी लोगों को, अब ऐसा सवाल तो कोई बिना आँख वाला ही पूछ सकता है”।
राजा मानसिंह, चतुर सिंह की बात समझ जाते हैं कि राज्य में दृष्टिहीन लोगों की तुलना में अधिक लोग अंधे हैं। (Stories | Moral Stories)
कहानी से सीख: बच्चों इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है कि दृष्टि वाले लोग भी अपने आसपास क्या हो रहा है, इसके प्रति अंधे हो सकते हैं।