Stories बच्चों की नैतिक कहानी: बात बहुत छोटी सी राम रतन में सोच समझ कर काम करने की बुद्धि का अभाव था। वह उतावलेपन कुछ में कुछ भी कर बैठता था। तथा फिर पछताता था। उसके मित्रों ने व उसके माता-पिता ने उसे कई बार समझाया पर उसके समझ में न आया। By Lotpot 21 May 2024
Stories बच्चों की नैतिक कहानी: पकौड़ीमल और घासीराम एक महर्षि थे। उनकी काफी ख्याति थी। कृष्णा नदी के किनारे उनका आश्रम था, जहां कई शिष्य रहकर विद्याध्ययन करते थे। एक दिन महर्षि ने अपने एक शिष्य से कहा, निकट के गांव में जाकर जरूरत की सारी चीजें खरीद लाओ। By Lotpot 20 May 2024
Stories बच्चों की हिंदी नैतिक कहानी: केले का छिलका कितनी बार कहा है कि केले खाकर छिलके सड़क पर न फेंका कर पर तू है कि एक कान से सुनी और दूसरी कान से निकाल दी। मां ने नीटू को डांटते हुए कहा। अव्वल दर्जे का शरारती नीटू केले खाकर छिलके खिड़की से सड़क पर फेंक रहा था। By Lotpot 16 May 2024
Stories बच्चों की हिंदी नैतिक कहानी: सूरज काफी समय की बात है। तीन दोस्त- रमन, श्याम और सूरज गांव से शहर की ओर नौकरी की तलाश में जा रहे थे। इनमें रमन और श्याम तो तेज थे लेकिन सूरज बहुत सीधा था दोनों मित्र हर काम सूरज से ही करवाते थे। By Lotpot 15 May 2024
Stories बच्चों की हिंदी नैतिक कहानी: इनाम का लालच बादशाह का दरबार लगा हुआ था, सभी दरबारियों के साथ बीरबल भी बैठे थे। तभी किसी ने आकर बीरबल को भोजन के लिए आमंत्रित किया, बादशाह की आज्ञा लेकर बीरबल दावत पर जा पहुंचे। By Lotpot 10 May 2024
Stories बच्चों की प्रेरक कहानी: समझदारी का पुल एक बेहद समझदार व्यक्ति था, जिसे घूमने का बहुत शौक था। एक दिन वह घूमते घूमते एक ऐसे राज्य में चला गया जहां पर राजा को ढूंढने की तैयारी चल रही थी और इसका जिम्मा एक हाथी को सौंपा गया था। By Lotpot 07 May 2024
Stories बच्चों की हिंदी नैतिक कहानी: जो चाहोगे सो पाओगे एक साधु थे, वह रोज घाट के किनारे बैठ कर चिल्लाया करते थे, “जो चाहोगे सो पाओगे, जो चाहोगे सो पाओगे”। बहुत से लोग वहाँ से गुजरते थे पर कोई भी उसकी बात पर ध्यान नहीं देता था और सब उसे एक पागल आदमी समझते थे। By Lotpot 07 May 2024
Stories Moral Story: सुरेश का अप्रैल फूल अप्रैल की पहली तारीख थी। सुरेश सुबह-सुबह सो कर उठने पर आज जल्दी ही नहा-धोकर चाय-नाश्ता कर तैयार हो गया था। वह सोच रहा था कि अप्रैल की पहली तारीख को किसी का बेवकूफ न बनाया जाये, तो अप्रैल फूल वाले दिन का महत्व ही क्या रहा? By Lotpot 03 May 2024
Stories Moral Story: नासमझ चुन्नू चुन्नू एक छोटा सा बालक था। वह बहुत ही प्यारा भी था। चुन्नू अपने मम्मी पापा का इकलौता बेटा था। घर में उन तीनों के अलावा और कोई न था, सिवाय उनके घर में काम करने वाली बाई कान्ता के। By Lotpot 03 May 2024