Moral Story: दो बेटों की कहानी एक व्यापारी के दो बेटे थे। जहाँ वह अपने छोटे बेटे को तोहफे देकर ढेर सारा प्यार देता था वहीं वह अपने बड़े बेटे की बेइज्ज़ती करता रहता था। किसी को नहीं पता था कि वह अपने बड़े बेटे से नफरत क्यों करता था। By Lotpot 20 Feb 2024 in Stories Moral Stories New Update दो बेटों की कहानी Moral Story दो बेटों की कहानी:- एक व्यापारी के दो बेटे थे। जहाँ वह अपने छोटे बेटे को तोहफे देकर ढेर सारा प्यार देता था वहीं वह अपने बड़े बेटे की बेइज्ज़ती करता रहता था। किसी को नहीं पता था कि वह अपने बड़े बेटे से नफरत क्यों करता था। बड़ा बेटा कोई भी काम सही नहीं करता था वहीं छोटा बेटा कोई काम गलत नहीं करता था। (Moral Stories | Stories) जब लड़के बड़े हुए उन्हें उनके पिता ने अपना व्यापार संभालने के लिए कहा। लेकिन उनके पिता की अपेक्षा उन दोनों का व्यापार चलाने का तरीका बिल्कुल अलग अलग था। बड़े बेटे ने जैसे तैसे व्यापार को समझना शुरू किया। सुबह से शाम तक वह मेहनत करके अपने व्यापार के बारे में जानकारियां लेता था। उसके पिता काफी कठोर थे। वह उसके पीछे पड़े रहते थे ताकि वह व्यापार को ऊंचाईयों तक पहुँचाए। कुछ सालों बाद उसने व्यापार करने में उत्तीर्णता हासिल कर ली और उसने अपने व्यापार को आगे बढ़ाया। (Moral Stories | Stories) लेकिन छोटे बेटे का क्या था? उसे अच्छी पढ़ाई करवाई गई। वह काम करने के बजाए अपने पिता के... लेकिन छोटे बेटे का क्या था? उसे अच्छी पढ़ाई करवाई गई। वह काम करने के बजाए अपने पिता के पैसों पर ऐश करता था। कुछ सालों बाद व्यापारी ने अपने छोटे बेटे को अपने व्यापार में से उसका हिस्सा दिया। उसे उम्मीद थी कि उसके चहेते बेटे को ज़रूर कामयाबी मिलेगी। व्यापारी को लगता था कि अगर उसका बड़ा बेटा बिना शिक्षा के सफलता हासिल कर सकता है तो उसके छोटे बेटे को तो सारी सुविधाएं मिली हैं, वह उससे ज़्यादा अच्छा काम करेगा। (Moral Stories | Stories) कुछ सालों बाद उसकी उम्मीदों के विपरीत फैसला सामने आया। उसके छोटे बेटे को व्यापार में कोई दिलचस्पी नहीं थी। उसने सारे पैसे ऐश करने में उड़ा दिए और वह कंगाल हो गया। लेकिन बड़े बेटे जिसको व्यापार का छोटा सा हिस्सा दिया गया था और उसने उस हिस्से से अपना कारोबार आगे बढ़ाया और उसने खुद की मेहनत को साबित करके दिखाया। (Moral Stories | Stories) अपने छोटे बेटे की नाकामयाबी को देखते हुए व्यापारी ने अपने बड़े बेटे के सामने कहा, ‘कितना नालायक लड़का निकला यह। जो इसने चाहा, वह सब कुछ मैंने इसे दिया और इसने सब बर्बाद कर दिया। मुझे नहीं पता था कि यह ऐसा निकलेगा।’ बड़ा बेटा उनकी सारी बातों को खामोशी से देख-सुन रहा था और उसने अचानक कहा कि वह अपने खुद का व्यापार करना चाहता है। उसके व्यापारी पिता जो उसके साथ एक बार दोबारा व्यापार में आना चाहते थे, ने कहा, ‘क्यों तुम अलग व्यापार करना चाहते हो?’ (Moral Stories | Stories) बड़े बेटे ने कहा, ‘मेरे भाई के बिगड़ने के पीछे मैं सिर्फ एक इंसान को देखता हूँ। इसमें उसकी कोई गलती नहीं है। आप बच्चों को उनके माता पिता की गल्तियों के लिए दोष नहीं दे सकते?’ इतना कहते हुए वह घर से चला गया। शिक्षा- माता पिता कभी कभी अपने बच्चें को इतना प्यार करते हैं कि उन्हें ध्यान नहीं रहता कि उनके ज़्यादा प्यार करने से बच्चा बिगड़ भी सकता है। (Moral Stories | Stories) lotpot | lotpot E-Comics | bal kahani | Bal Kahaniyan | Hindi Bal Kahaniyan | short moral stories | short stories | Short Hindi Stories | hindi short Stories | Kids Stories | Moral Stories | hindi stories | Kids Hindi Moral Stories | Kids Moral Stories | Hindi Moral Stories | लोटपोट | लोटपोट इ-कॉमिक्स | हिंदी कहानियाँ | छोटी हिंदी कहानी | बाल कहानियां | हिंदी बाल कहानी | बाल कहानी | छोटी कहानी | छोटी कहानियाँ | बच्चों की नैतिक कहानियाँ यह भी पढ़ें:- Moral Story: समझ समझ का फेर Moral Story: ऐसे रहेगा मन शांत Moral story: तीन भाई Moral Story: नया नामांकन #बाल कहानी #लोटपोट #Lotpot #Bal kahani #Bal Kahaniyan #Hindi Moral Stories #Kids Moral Stories #Moral Stories #Kids Stories #बच्चों की नैतिक कहानियाँ #लोटपोट इ-कॉमिक्स #lotpot E-Comics #हिंदी बाल कहानी #छोटी हिंदी कहानी #hindi stories #Kids Hindi Moral Stories #hindi short Stories #Short Hindi Stories #short stories #हिंदी कहानियाँ #छोटी कहानियाँ #छोटी कहानी #short moral stories #Hindi Bal Kahaniyan #बाल कहानियां You May Also like Read the Next Article