Moral Story: समझ समझ का फेर

एक किसान के दो बेटे थे रमन और हरीश। रमन बड़ा था और हरीश छोटा था। किसान दिन रात मेहनत करता था। वह चाहता था कि किसी तरह उसके दोेनों लड़के पढ़ लिख जाएं। लेकिन रमन को पढ़ाई लिखाई से जितना लगाव था।

New Update
Two kids and their father cartoon image

समझ समझ का फेर

Moral Story समझ समझ का फेर:- एक किसान के दो बेटे थे रमन और हरीश। रमन बड़ा था और हरीश छोटा था। किसान दिन रात मेहनत करता था। वह चाहता था कि किसी तरह उसके दोेनों लड़के पढ़ लिख जाएं। लेकिन रमन को पढ़ाई लिखाई से जितना लगाव था। हरीश को उतनी ही नफरत थी। रमन दिन भर पढ़ाई में लगा रहता और हरीश दिन भर शरारतें करता रहता। हरीश में एक और आदत यह भी थी कि वह हमेशा अपने पास डंडा रखता था और उस डंडे से जिसको चाहे उसे पीट देता इसीलिए स्कूल के सभी लड़के रमन से प्यार करते थे। हरीश से तो कोई बोलना भी पसंद नहीं करता था। (Moral Stories | Stories)

Two kids and their father cartoon image

एक बार मास्टर जी रविवार को स्कूल के सब बच्चों को लेकर एक बगीचे में पहुँचे। दिन भर खेलने कूदने के बाद सब अपने अपने घरों की ओर जाने लगे तभी बाग का माली एक लम्बा डंडा लेकर उधर आया और उस डंडे से अमरुद के वृक्ष की डालियों की जोर जोर से मारने लगा। कुछ ही देर में वृक्ष के नीचे अमरूदों का ढेर लग गया। (Moral Stories | Stories)

इतने में मास्टर जी ने रमन को अपने पास बुलाया और पूछा, 'बेटे, तुम क्या देख रहे हो?

इतने में मास्टर जी ने रमन को अपने पास बुलाया और पूछा, 'बेटे, तुम क्या देख रहे हो?' रमन ने कहा 'सर, मैं देख रहा हूं कि किस प्रकार यह वृक्ष डंडे खाकर भी अमरूद दे रहा है। उसी प्रकार अच्छे आदमी को चाहिए कि वह स्वयं दुःख झेलकर भी दूसरों को सुख दे'। इसके बाद मास्टर जी ने हरीश को अपने पास बुलाया और उससे पूछा, 'बेटे, तुम क्या देख रहे हो?’

हरीश बोला मास्टर जी, मैं देख रहा हूँ कि वृक्ष से भी बिना डंडे के काम नहीं निकाला जा सकता है। जो लोग दूसरों पर अपना दबदबा जमाकर रखते है। वही लोग सुखी होते हैं।’ (Moral Stories | Stories)

Two kids and their father cartoon image

मास्टर जी ने दोनों भाईयों की बात को बड़े ध्यान से सुना। अगले दिन जब किसान अपने बच्चों की फीस जमा करने गया तब मास्टर जी ने बड़े आराम से उसे समझाते हुए कहा कि रमन तो एक न एक दिन अवश्य तुम्हारा और अपना नाम अमर करेगा पर हरीश से ऐसी कोई उम्मीद रखना बेकार है। (Moral Stories | Stories)

और मास्टर जी का कहना बिल्कुल सच निकला। रमन बड़ा होकर एक मशहूर डाक्टर बना और हरीश एक मामूली क्लर्क। (Moral Stories | Stories)

lotpot | lotpot E-Comics | bal kahani | Bal Kahaniyan | Hindi Bal Kahaniyan | short moral stories | short stories | Short Hindi Stories | hindi short Stories | Kids Stories | hindi stories | Moral Stories | Kids Hindi Moral Stories | Kids Moral Stories | Hindi Moral Stories | लोटपोट | लोटपोट इ-कॉमिक्स | हिंदी कहानियाँ | हिंदी बाल कहानी | बाल कहानी | छोटी कहानी | छोटी कहानियाँ | छोटी हिंदी कहानी | बच्चों की नैतिक कहानियाँ

यह भी पढ़ें:-

Moral Story: शेर लोमड़ी और भिक्षुक

Moral Story: धोबी का गधा

Moral Story: आदमी का मूल्य

Moral Story: मूर्ख लड़का

#बाल कहानी #लोटपोट #Lotpot #Bal kahani #Bal Kahaniyan #Hindi Moral Stories #Kids Moral Stories #Moral Stories #Kids Stories #बच्चों की नैतिक कहानियाँ #लोटपोट इ-कॉमिक्स #lotpot E-Comics #हिंदी बाल कहानी #छोटी हिंदी कहानी #hindi stories #Kids Hindi Moral Stories #hindi short Stories #Short Hindi Stories #short stories #हिंदी कहानियाँ #छोटी कहानियाँ #छोटी कहानी #short moral stories #Hindi Bal Kahaniyan