Moral Story: आदमी का मूल्य

एक राजा को अपने महल के लिए एक समझदार और ईमानदार नौकर की आवश्यकता थी। इस सेवा के लिये उस के पास तीन आदमी आए। उन में से एक दो टके का आदमी था दूसरा सौ रूपये का और तीसरा हजार रूपये मासिक वेतन का।

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आदमी का मूल्य

Moral Story आदमी का मूल्य:- एक राजा को अपने महल के लिए एक समझदार और ईमानदार नौकर की आवश्यकता थी। इस सेवा के लिये उस के पास तीन आदमी आए। उन में से एक दो टके का आदमी था दूसरा सौ रूपये का और तीसरा हजार रूपये मासिक वेतन का। वजीर ने राजा को समझाया कि यह नौकरी बहुत महत्वपूर्ण है। इस लिए हजार रूपये के आदमी को नौकरी पर रखा जाये। लेकिन राजा ने यह कह कर दो टके का आदमी रख लिया कि सस्ता नौकर मिलता है तो इतना महंगा नौकर क्यों रखा जाये। (Moral Stories | Stories)

अगले रोज़ राजा और वजीर महल में बेठे गुप्त बातों पर विचार कर रहे थे और राजा कह रहा था कि इस समय हमारी सेना की शक्ति बहुत कम है। दुश्मन को यह पता चल गया तो वह हम पर आक्रमण कर देंगे, और हम हार जायेंगे दो टके का अदमी पास खड़ा यह बात बड़े ध्यान से सुन रहा था। (Moral Stories | Stories)

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अगले रोज़ उस ने सब लोगों के सामने यह कहना शुरू कर दिया कि इस समय हमारी सेना...

अगले रोज़ उस ने सब लोगों के सामने यह कहना शुरू कर दिया कि इस समय हमारी सेना की शक्ति बहुत कम है। राजा ने कहा है कि दुशमन ने आक्रमण कर दिया तो हम हार जायेंगे। दो टके के आदमी की इन बातों को दुश्मन के उन जासूसों  ने भी सुन लिया जो उस के पास ही खडे़ थे।

यह बात जासूसों ने दुश्मन तक पहुंचा दी और दुश्मन की सेना ने राजा पर आक्रमण कर दिया। इस युध्द में राजा अपनी हार से तो बच गया। लेकिन उसे मालूम हो गया कि जो आदमी कानो से सुनी बात मुंह से निकाल दे उस की कीमत दो टके भी नही हो सकती। (Moral Stories | Stories)

राजा ने दो टके के आदमी को नौकरी से निकाल दिया। इस बार वजीर ने फिर समझाया कि महल की महत्वपूर्ण सेवाओं के लिए हज़ार रूपये का आदमी ही उचित रहेगा। लेकिन राजा ने सौ रूपये का आदमी ही नौकर रखा। और कहा कि इतने कम वेतन पर आदमी मिलता है तो अधिक पैसे क्यो खर्च किया जायें।

राजा ने सौ रूपये के आदमी को समझाया कि तुम्हें सारी रात जाग कर महल में पहरा देना है। और खजाने की उस दीवार का ख्याल रखना है जहा से कई बार चोरो ने खज़ाना चुराने कि कोशिश की है। तुम्हे अगर कोई खतरा महसूस हो तो सामने वाला घन्टा बजा देना। उस की आवाज़ सुन कर तमाम पहरेदार तुम्हारी सहायता को आ जायेंगे। 

सौ रूपये के आदमी ने राजा की बात इस कान से सुना और उस कान से निकाल दी। ना उसने घन्टे का महत्व समझा ना ही तमाम रात जाग कर पहरा दिया। थोड़ी रात होते ही वह दरवाजे से लग कर बैठ गया और वहीं सो गया। चोर बहुत दिनो से खज़ाना लूटने की ताक मे थे। पहरेदार को आराम से सोया हुआ देख कर वह खज़ाने की दीवार पर चढ़ गये। (Moral Stories | Stories)

अगले रोज़ राजा का तमाम खज़ाना साफ था। अब उसे मालूम हुआ कि इस कान से सुनी बात उस कान से निकालने वाला अदमी भी बेकार है। उस अदमी को भी धक्के दे कर निकाल दिया और वजीर के सुझाव के अनुसार उस ने हज़ार रूपये के आदमी को नौकर रख लिया। लेकिन इस बात पर वह हैरान था कि इस में ऐसा कौन सा गुण है जो इसने इतना अधिक वेतन मांगा है

यह भेद बताने के लिए वजीर राजा के साथ हज़ार रूपये के आदमी को भी साथ ले गया जहाँ बदनाम डाकुओं और लुटेरो को फांसी दी जाती थी। वजीर ने हज़ार रूपये के आदमी को बताया कि यह गुप्त स्थान डाकुओं के साथियों को पता चल जाये तो वह पन्द्रह तारीख की शाम को फांसी से पहले अपने साथियों को छुडाने के लिए हेरा फेरियां शुरू कर देंगे। (Moral Stories | Stories)

दूसरे दिन राजा मंत्री भेष बदल कर हज़ार रूपये के आदमी के घर गये और बातों बातों में बताया कि वह उस स्थान कि खोज में हैं जहां उनके साथी डाकुओं और लुटेरों को फांसी दी जायेगी। उस स्थान का पता बताने वाले को पचास हजार रूपये का इनाम देने को तैयार हैं। हजार रूपये के आदमी ने तो कानों से सुनी और आँखों से देखी बातों को पेट में छुपा लिया था। उसने कहा कि मुझे उस स्थान के बारे में कुछ भी मालूम नहीं। उसी समय ही उसने चुपके से सिपाही बुलावा कर भेष बदले हुए राजा और मंत्री को डाकू समझ कर गिरफ्तार करा दिया। (Moral Stories | Stories)

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बन्दी बना कर जब राजा और मंत्री दरबार में लाये गये और उन्होंने अपना भेष उतारा तब हज़ार रूपये के आदमी को मालूम हुआ कि वह दोनों कौन हैं। इसके साथ ही राजा को भी मालूम हो गाया कि कानो से सुनी बात को पेट में पचाने की विशेषता आदमी का मोल बढ़ा देता है। और जो स्थान जितना महत्व पूर्ण हो उस के लिए उतने ही पैसों का आदमी नियुक्त करना चाहिये। (Moral Stories | Stories)

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