Stories हिंदी नैतिक कहानी: आत्मविश्वास विजय अपने माता-पिता के साथ सुजानगढ़ में रहता था। वह अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। वह बहुत शरारती था। पढ़ने से वह हमेशा जी चुराता था। पढ़ाई की वजह से वह स्कूल से कई बार भाग भी जाता था। By Lotpot 15 Jun 2024
Stories हिंदी नैतिक कहानी: राज्य का चुनाव सिंहपुर के राजा का नाम मूलदेव था। वे बहुत योग्य और प्रतापी राजा थे। कालांतर में उन्होंने वीरपुर राज्य को भी जीत लिया। अब वे दो राज्यों के महाराज थे। मूलदेव के 2 बेटे थे। By Lotpot 14 Jun 2024
Stories हिंदी नैतिक कहानी: शरारत का फल निलेश बहुत ही शरारती लड़का था। जानवरों को मारने-पीटने और परेशान करने में उसे बहुत मजा आता था। निलेश हमेशा अपने पास एक गुलेल रखता था। इस गुलेल का प्रयोग वह जानवरों को मारने के लिए करता था। By Lotpot 12 Jun 2024
Stories हिंदी नैतिक कहानी: तुम्हारा क्या है? नवलगढ़ में एक राजा राज करता था। राजा का नाम था हीरासिंह। हीरासिंह बहुत पराक्रमी राजा था। उसने कई राज्यों को जीत कर अपने राज्य में मिला लिया था। हीरासिंह के भय से दूसरे देशों के राजा थरथर कांपते थे। By Lotpot 01 Jun 2024
Stories हिंदी नैतिक कहानी: बड़ों का व्यवहार अमन एक नासमझ, छोटा बालक था। पढ़ाई में तेज तो शैतानी में भी आगे था। स्कूल से पढ़ाई खत्म होने के बाद वह अक्सर बाहर खेलने-कूदने जाया करता था। अमन का एक बड़ा भाई भी था, जिसका नाम आकाश था। By Lotpot 28 May 2024
Stories बच्चों की नैतिक कहानी: बात बहुत छोटी सी राम रतन में सोच समझ कर काम करने की बुद्धि का अभाव था। वह उतावलेपन कुछ में कुछ भी कर बैठता था। तथा फिर पछताता था। उसके मित्रों ने व उसके माता-पिता ने उसे कई बार समझाया पर उसके समझ में न आया। By Lotpot 21 May 2024
Stories बच्चों की नैतिक कहानी: पकौड़ीमल और घासीराम एक महर्षि थे। उनकी काफी ख्याति थी। कृष्णा नदी के किनारे उनका आश्रम था, जहां कई शिष्य रहकर विद्याध्ययन करते थे। एक दिन महर्षि ने अपने एक शिष्य से कहा, निकट के गांव में जाकर जरूरत की सारी चीजें खरीद लाओ। By Lotpot 20 May 2024
Stories बच्चों की हिंदी नैतिक कहानी: इनाम का लालच बादशाह का दरबार लगा हुआ था, सभी दरबारियों के साथ बीरबल भी बैठे थे। तभी किसी ने आकर बीरबल को भोजन के लिए आमंत्रित किया, बादशाह की आज्ञा लेकर बीरबल दावत पर जा पहुंचे। By Lotpot 10 May 2024
Stories बच्चों की हिंदी नैतिक कहानी: जो चाहोगे सो पाओगे एक साधु थे, वह रोज घाट के किनारे बैठ कर चिल्लाया करते थे, “जो चाहोगे सो पाओगे, जो चाहोगे सो पाओगे”। बहुत से लोग वहाँ से गुजरते थे पर कोई भी उसकी बात पर ध्यान नहीं देता था और सब उसे एक पागल आदमी समझते थे। By Lotpot 07 May 2024