/lotpot/media/media_files/ThGVWikDWFTJ0nX6VxAc.jpg)
तीन भाई
Moral story तीन भाई:- राम, कृष्ण और मोहन तीन भाई थे, वह सभी बहुत गरीब थे, वह एक फैक्ट्री में काम करते थे। एक दिन वह अपने गांव के मंदिर में गए उन्होंने भगवान से प्रार्थना की, कि भगवान उन्हें अमीर बना दे। अचानक उनसे भगवान बात करने लगे। तुम सभी सुनहरी नदी में जाओ और उसमें मंदिर के गंगाजल की तीन बूंदे डालो। ऐसा करते ही वह सुनहरी नदी सोने में बदल जाएगी और तुम अमीर हो जाओगे। लेकिन तुम तीनों को अकेले जाना है। अगर पानी में गंगाजल नहीं हुआ तो तुम पत्थर में बदल जाओगे। (Moral Stories | Stories)
अगले दिन राम, मंदिर के गंगाजल को एक घड़े में लेकर गया। सुनहरी नदी काफी दूर थी और...
अगले दिन राम, मंदिर के गंगाजल को एक घड़े में लेकर गया। सुनहरी नदी काफी दूर थी और उस तक पहुंचने के लिए कोई सड़क नहीं थी। राम ने पानी के साथ चलना शुरू किया। कुछ देर बाद उसे प्यास लगी और उसने मंदिर का गंगाजल पीया। उसके बाद एक कुत्ता दौड़ता हुआ उसके पास आया और उसने उससे कहा, ‘रामू, मुझे तुमसे ज़्यादा प्यास लगी है। अगर तुम मुझे पीने के लिए पानी नहीं दोगे तो मैं मर जाऊंगा।’ कुत्ते की बात सुनकर राम हंसने लगा और उसने उसे कहा, ‘मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। सुनहरी नदी बहुत दूर है और अगर मैं तुम्हें पानी दे दूंगा तो इस घड़े में पानी कम हो जाएगा और मैं अमीर नहीं बन सकूंगा।’ यह कहकर वह आगे निकल पड़ा और चलता गया और एक दिन बीत गया। अगले दिन उसे फिर प्यास लगी और उसने घड़े में से पानी पीया। उस समय एक गरीब आदमी उसके आगे रोने लगा। राम, कृप्या मुझे थोड़ा पानी पिला दो। मैंने कई दिनों से पानी नहीं पीया। लेकिन राम ने उसे भी पानी नहीं दिया और सुनहरी नदी की तरफ उसने चलना शुरू किया। एक और दिन बीत गया। अब उसे सुनहरी नदी दिखाई दे रही थी। घड़े में कुछ पानी बचा था। उसने सोचा कि वह कुछ पानी पीकर, तीन बूंदे नदी में डाल देगा। तभी उसे सड़क पर एक छोटा बच्चा लेटे हुए दिखाई दिया। वह पानी के लिए रो रहा था। लेकिन राम ने उसे भी पानी नहीं दिया और कुछ पानी पीकर वह नदी के करीब गया। जैसे ही उसने घड़े से नदी में पानी डालना शुरू किया तो सुनहरी नदी ने उससे कहा, राम तुम मुझमें गंदा पानी डाल रहे हो, तुम पत्थर बन जाओगे। राम रोने लगा और उसने पूछा कि यह पानी गंदा कैसे हो गया? मैंने तो यह पानी मंदिर की टंकी से लिया था। फिर नदी ने जवाब दिया, ‘लेकिन तुमने यह पानी प्यासे कुत्ते, बूढ़े आदमी और रोते हुए बच्चे को नहीं दिया। इसलिए यह पानी गंदा हो गया।’ राम पत्थर में बदल गया। (Moral Stories | Stories)
कृष्ण और मोहन ने राम की प्रतीक्षा की लेकिन वह नहीं आया। उन्होंने उसकी कुछ और दिनों तक प्रतीक्षा की लेकिन वह फिर भी नहीं पहुंचा। फिर कृष्ण ने मोहन से कहा कि मुझे लगता है राम के साथ कुछ गलत हो गया होगा। इस बार मैं सुनहरी नदी में मंदिर का पानी लेकर जाऊंगा। कृष्ण को भी रास्ते में प्यासा कुत्ता, बूढ़ा आदमी और रोता हुआ बच्चा मिला। लेकिन उसने उन्हें पानी नहीं दिया और खुद पी लिया। जब उसने बचा हुआ पानी नदी में डाला तो वह भी पत्थर बन गया। (Moral Stories | Stories)
मोहन सबसे छोटा लड़का था। कुछ दिनों के बाद उसने सुनहरी नदी की तरफ मंदिर के पानी को घड़े के साथ लेकर चलना शुरू किया। वह छोटा था इसलिए उसने छोटा घड़ा अपने साथ लिया था। कुछ देर बाद जैसे ही वह पानी पीने लगा, प्यासा कुत्ता उसके पास आया और उसने उससे पानी मांगा। कुत्ते ने कहा कि कृपया मुझे पीने के लिए थोड़ा पानी दे दो नहीं तो मैं मर जाऊंगा। मोहन एक अच्छा और दूसरों का भला करने वाला लड़का था। उसने कुत्ते से कहा, ज़रूर, लेकिन ज़्यादा पानी मत पीना। मुझे कुछ पानी नदी में डालना है। उसका घड़ा आधा खाली हो गया था लेकिन उसे पता था कि उसे नदी में डालने के लिए सिर्फ तीन बूंदे चाहिए। उसने फिर आधे घड़े के साथ सुनहरी नदी की तरफ बढ़ना शुरू किया। दो दिन चलने के बाद उसे प्यास लगी। जैसे ही वह घड़े से पानी पीने वाला था, उसके सामने बूढ़ा आदमी रोते हुए आ गया। उसने उससे कहा, बच्चे कृपया मुझे थोड़ा पानी दे दो। मोहन ने कुछ बूंदे पानी की पी और थोड़ा पानी बूढ़े आदमी को दिया। उसने कहा, दादा जी, मुझे नदी में डालने के लिए तीन बूंदे चाहिए इसलिए आप ज़्यादा पानी मत पीना। बूढ़े आदमी ने लगभग सारा पानी पी लिया था। अब घड़े में पानी की सिर्फ 20 बूंदे बची थीं। लेकिन मोहन बहुत अच्छा लड़का था। उसने घड़े को लिया और नदी की तरफ चलने लगा। (Moral Stories | Stories)
एक दिन बाद उसे नदी दिखाई देने लगी थी। वह फिर पानी की कुछ बूंदे पीने के लिए रुका और तभी रोता हुआ बच्चा उसे दिखाई दिया। बच्चा रोते हुए कहने लगा, मोहन मुझे थोड़ा पानी दे दो। मोहन ने बच्चे से कहा कि कृपया कुछ बूंदे पानी की पी लो क्योंकि उसके पास यही बचा है। बच्चे ने सारा पानी पी लिया। पानी खत्म होने पर भी मोहन उस बच्चे पर नहीं चिल्लाया। वह नदी के पास गया और जाकर बैठ गया। वह कहने लगा कि इस बार मेरे पास गंगाजल नहीं है लेकिन मैं दोबारा आऊंगा। यह कहते कहते उसकी आंखों में से आंसू आने लगे ओर वह अपने भाईयों के बारे में सोचने लगा। उसकी आंख में से तीन आंसू की बूंदे नदी में गिरीं। और सुनहरी नदी का पानी असली सोने में बदल गया। उसने भगवान की आवाज़ सुनी। मोहन तुम बहुत नेक इंसान हो, अपने भाईयों के लिए तुम्हारे आंसू असली गंगाजल हैं जो मुझे चाहिए थे। यह आंसू मंदिर के पानी से ज़्यादा पवित्र हैं। भगवान ने फिर उसे उसके भाई राम और कृष्ण वापिस कर दिए और उन्होंने उनसे कहा कि उन्हें मोहन की तरह अच्छा बनना चाहिए। इसके बाद यह तीनों भाई खुशी खुशी एक दूसरे के साथ रहने लगे।
उन्होने नदी से सोना भी नहीं लिया क्योंकि उन्हे समझ आ गया। तीनों भाईयों ने मिलकर मेहनत की और अपनी फैक्ट्री खोल ली। (Moral Stories | Stories)
lotpot-e-comics | hindi-bal-kahania | bal kahani | hindi-kahania | hindi-stories | short-stories | short-hindi-stories | hindi-short-stories | kids-hindi-moral-stories | moral-stories | hindi-moral-stories | लोटपोट | lottpott-i-konmiks | hindii-baal-khaanii | baal-khaanii | hindii-khaaniyaan | chottii-hindii-khaanii | हिंदी कहानी