Moral Story: स्वाभिमान

बंगाल के एक विद्यालय में देशभक्त मास्टर सूर्यसेन अध्यापक थे। वार्षिक परीक्षा में जिस कक्षा में उनकी ड्यूटी लगी थी, वहां विद्यालय के प्रिंसीपल का बेटा भी परीक्षा दे रहा था।

New Update
Principal and teacher

स्वाभिमान

Moral Story Swabhiman:- बंगाल के एक विद्यालय में देशभक्त मास्टर सूर्यसेन अध्यापक थे। वार्षिक परीक्षा में जिस कक्षा में उनकी ड्यूटी लगी थी, वहां विद्यालय के प्रिंसीपल का बेटा भी परीक्षा दे रहा था। मास्टर सूर्यसेन ने निरीक्षण के दौरान देखा कि वह नकल कर रहा है। (Moral Story)

उन्होंने उसे पकड़ कर फटकार लगाई। उसने अपना विशेष परिचय दिया...

उन्होंने उसे पकड़ कर फटकार लगाई। उसने अपना विशेष परिचय दिया, लेकिन मास्टर सूर्यसेन ने उसकी एक न सुनी। परिणाम यह हुआ कि प्रिंसीपल का बेटा फेल हो गया। स्कूल के  प्रिंसीपल की ओर से सूर्यसेन को बुलावा आया, वह ऑफिस में हाज़िर हुए। (Moral Story) प्रिंसीपल ने उनका स्वागत करते हुए कहा, "यह जानकर मुझे खुशी हुई कि आपने कर्त्तव्य का निर्वाह करते हुए मेरे बेटे को भी कोई छूट नहीं दी। अगर आप उसे नकल करने का मौका देते तो मैं आपको बर्खास्त कर देता। " (Moral Story)

जवाब में मास्टर सूर्यसेन ने मुसकुराते हुऐ कहा, “सर! आप यदि मुझे अपने बेटे को नकल की छूट देने के लिए मजबूर करते तो मैं नौकरी से त्यागपत्र दे देता।" (Moral Story)

hindi-bal-kahani | lotpot-bal-kahania | prerak-kahaniya | bachchon-ki-kahania | baal-khaanii | bccon-kii-prerk-khaaniyaan | bccon-kii-prernnaadaayk-khaanii

और कहानियाँ पढ़ें:-

Moral Story: जादुई कछुआ

Fun Story: अप्रिय मित्र

Mazedaar Hindi Kahani: कीमती द्वीप

जंगल की मज़ेदार कहानी - बीस रूपये के चीकू

#Hindi Bal Kahani #Prerak Kahaniya #बच्चों की प्रेरक कहानियाँ #Bachchon ki Kahania #Lotpot Bal Kahania #बच्चों की प्रेरणादायक कहानी #बाल कहानी #Lotpot