Fun Story: अप्रिय मित्र

दक्षिण उड़ीसा के एक छोटे से गांव में एक लकड़हारा रहता था। एक दिन जब वह जंगल में लकड़ी काटने जा रहा था तब उसे एक बाघ मिला।  लकड़हारा जंगल के इस राजा को देखकर रुक गया, लेकिन हैरानी यह हुई कि लकड़हारे को देखकर भी बाघ दहाड़ा नहीं, वह शांत रहा।

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Tiger and man

अप्रिय मित्र

Fun Story अप्रिय मित्र:- यह बहुत पहले की बात है, दक्षिण उड़ीसा के एक छोटे से गांव में एक लकड़हारा रहता था। एक दिन जब वह जंगल में लकड़ी काटने जा रहा था तब उसे एक बाघ मिला।  लकड़हारा जंगल के इस राजा को देखकर रुक गया, लेकिन हैरानी यह हुई कि लकड़हारे को देखकर भी बाघ दहाड़ा नहीं, वह शांत रहा। लकड़हारा चकित हो गया, उसे लगा कि शायद बाघ देख नहीं सकता। बाघ बूढ़ा हो गया था और उसे दूर का दिखाई नहीं देता था। जंगल में कोई डॉक्टर उसका इलाज नहीं कर पाया और उसकी इस तकलीफ को ठीक नहीं कर पाया। क्योंकि उसने अपनी पूरी ज़िंदगी जंगल में बिताई थी इसलिए उसे जंगल के रास्ते दिल से पता थे। दूसरे नेत्रहीन लोगों की तरह वह सूंघकर अपने रास्ते को खोजता था। (Fun Story) 

Man and tiger

बाघ शुरू में लकड़हारे को ढूंढ नहीं पाया लेकिन जल्द ही उसे अपने आसपास इंसान की खुशबू महसूस हुई...

बाघ शुरू में लकड़हारे को ढूंढ नहीं पाया लेकिन जल्द ही उसे अपने आसपास इंसान की खुशबू महसूस हुई। उसने कहा, ‘कौन है यह? क्योंकि मैं बूढ़ा हो गया हूं, तो तुम्हें लगा कि तुम जब चाहो, यहा पर सकते हो।मुझमें अभी भी तुम्हारा लीवर खाने की क्षमता है।लकड़हारा बड़े प्यार से बोला, ‘नहीं मालिक, आप तो जंगल के राजा हैं। घर पर खाना बनाने के लिए लकड़ी नहीं थी इसलिए मैं जंगल में आया, अगर आप मुझे इजाज़त दें तो...’ लकड़हारे की आवाज़ ने बाघ का दिल जीत लिया। 

वह बोला, ‘तुम अच्छे इंसान लगते हो, जितनी चाहो उतनी लकड़ियां ले जाओ लेकिन जब तुम्हारा काम हो जाए तो मेरे घर आना, मुझे तुमसे बात करनी है।लकड़हारे ने बाघ से वादा किया। लकड़ियां काटते-काटते लकड़हारे ने सोचा कि बाघ उससे ऐसी क्या बात करना चाहता है। कहीं यह उसका कोई जाल तो नहीं? क्योंकि उसने वादा किया था इसलिए उसने जाने का फैसला किया। लेकिन जब वह बाघ की गुफा में पहुंचा तो उसने महसूस किया कि उसका डर बेवजह था। बाघ असल में उससे बात करना चाहता था। (Fun Story)

उसने अपनी बूढ़ी उम्र और आँखों की परेशानी के बारे में बात की। उसने कहा कि अब वह शिकार पर नहीं जा सकता।मेरी तरफ देखो, मैं बिना खाने के हड्डियों का ढांचा बन गया हूं।लकड़हारे ने कहा कि आप मुझे बताइए कि मैं खाना लाने में आपकी मदद किस तरह कर सकता हूँ।बाघ ने कहा, ‘अगर तुम मेरी आँखें ठीक कर सको, तो मैं तुम्हारा आभारी रहूंगा। और यह मत सोचना कि मैं तुम्हारा यह उपकार भूल जाऊंगा। इंसानों की तरह हम जानवर किसी का उपकार नहीं भूलते।(Fun Story)

लकड़हारा बाघ की मदद करने के लिए मान गया। कोंध जिले के बाकी बूढ़े लोगों की तरह लकड़हारे को भी पेड़ों और उनकी औषधीय फायदों के बारे में पता था। उसने बाघ को उसके साथ नदी तक आने के लिए कहा जहां पर औषधीय पेड़ उगता था। बाघ ने लकड़हारे के कपड़ों को पकड़ा और उसके साथ नदी तक गया। लकड़हारे को वह औषधीय पेड़ नदी के पास मिला, उसने एक पत्थर के साथ उसकी जड़े पीसी और उसका जूस बाघ की आँखों में डाला। एक घंटे के बाद बाघ देखने लगा। वह खुश हो गया। उसने लकड़हारे का शुक्रिया अदा किया और वह उसके पैर चाटने लगा। (Fun Story)

उस दिन से लकड़हारा और बाघ बहुत अच्छे दोस्त बन गए। वह इतने अच्छे दोस्त बन गए कि वह दोनों एक ही जगह साथ रहने लगे। बाघ ने अपनी आँखों से अब अपने शिकार देखकर पकड़ने शुरू कर दिए वह हिरण, खरगोश और ना जाने कौन- कौन से जानवर लेकर आया। वह हमेशा लकड़हारे के लिए खाने का हिस्सा निकालता था और बचा हुआ खुद खाता था।

अब लकड़हारे को काम करने की ज़रूरत महसूस नहीं होती थी। वह पूरा दिन सोता रहता था और शाम को बाघ के आने की राह देखता था। और हर शाम वह मांसाहारी सूप खाने के लिए बनाता था। अच्छा खाना उस पर दिखने लगा। उसका वजन बढ़ गया और वह एक युवा आदमी की तरह दिखने लगा। एक दिन दोनों मित्र खाने के बाद बातें कर रहे थे। बाघ ने देखा कि लकड़हारा अब बूढ़ा नहीं दिखता था।कौन कहेगा कि कुछ महीनों पहले तुम बूढ़े दिखते थे?’ (Fun Story)यह तो कुछ नहीं है, जल्द ही मैं इतना ताकतवर बन जाऊंगा कि मैं किसी से भी लड़ाई कर सकूंगा।लकड़हारे ने कहा। जोश में बाघ ने कहा, ‘जब तुम मेरी तरह बन जाओगे तो मैं शिकार पर नहीं जाया करूंगा। तब मैं तुम्हारे लाए हुए खाने पर कुछ दिन बिताऊंगा। मैंने बहुत समय से कोई दावत नहीं खाई।बाघ की बात सुनकर लकड़हारे का रंग पीला पड़ गया।

man cooking food for tiger

अच्छा भगवान, मैं पागल था कि मैंने जानवर पर विश्वास किया, आखिरकार एक नाखून और सीगों के साथ जानवर पर कैसे विश्वास किया जा सकता है। उसने बाघ को खत्म करने के बारे में सोचा। एक दिन वह एक आइडिया लेकर आया। उसने बाघ के रास्ते में एक गहरा गड्ढा खोदा, उसने बाघ के उस रास्ते में गड्ढा खोदा जहां से वह रोज़ निकलता था। उसने उस गड्ढे को घास से ढक दिया। बेचारे बाघ के दिल में लकड़हारे के प्रति कोई भावना नहीं बदली थी। उस दिन जब वह वापिस घर रहा था तब वह उस गड्ढे में गिर गया। उसने बाहर निकलने की बहुत कोशिश की लेकिन वह निकल नहीं सका। (Fun Story)

उसने महसूस किया कि वह उसके दोस्त ने किया था। मैं तो सिर्फ मज़ाक कर रहा था, तुमने कैसे सोच लिया कि मैं तुम्हें खाऊंगा,उसने कहा।हम जानवर व्यवहार के खराब नहीं होते, अगर मुझे मरना है तो मैं मरूंगा। लेकिन तुम मेरी मौत से भी फायदा उठा सकते हो, जब मैं मर जाऊं तो तुम मेरे शरीर के हिस्से करके उन्हें अलग अलग जगह पर दबा देना। मर जाने के बाद भी तुम्हारे काफी काम आऊंगा।

लकड़हारे ने अपने दोस्त के शब्द सुने लेकिन वह चुप रहा। और धीरे धीरे बाघ मर गया। लेकिन बाघ की मौत के बाद लकड़हारे को अपनी गलती का अहसास हुआ। तब उसने बाघ के आखिरी शब्द याद किए और उसने वैसा किया जैसा उसने कहा था। उसने बाघ के टुकड़े करके उन्हें अलग अलग हिस्सो में दफना दिया। कुछ दिनों बाद जब उसने गड्ढे खोदे तो वह देखकर हैरान रह गया। बाघ का सिर एक बड़ा मटका बन गया था, उसका धड़ एक ब्रास का मटका बन गया था, उसकी टांगें चाँदी की रॉड बन गई थीं और उसकी पूंछ सोना बन गई थी। लकड़हारे ने सभी चीज़ो को बेच दिया और अमीर बन गया। उसने उस पैसे से गांव के हर गरीब आदमी की मदद की। वह जल्द भूल गया कि वह एक गरीब लकड़हारा था। लेकिन वह एक इंसान को कभी नहीं भूल पाया और वह था उसका पुराना मित्र बाघ। और जब वह उसे याद करता था, उसकी आँखें आंसुओं से भर जाती थीं। (Fun Story)

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