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जादुई कछुआ
Moral Story जादुई कछुआ:- सर्दियोंकीएकदोपहरमेंएकछोटालड़कानदीकेपासकेनीमकेपेड़केनीचेबैठाथा।वहस्कूलसेवापिसआयाथाऔरउसकीकमरमेंएकबड़ाबैगथा।वहलड़काबहुतउदासथा।वहलड़कापानीकोदेखतारहाऔरपानीकोदेखतेदेखतेउसकीआँखोंमेंसेमोटेमोटेआंसूआनेलगे।उसकेआंसूतालाबमेंगिरतेहुएबुलबुलोंकीतरहउछले।वहवहाँपरथोड़ीदेरसेबैठाथा।उसनेदेखाकीएककछुआतैरताहुआउसकेपासआरहाथा।वहकछुआबड़ानहींथाइसलिएवहधीरेधीरेतैररहाथा। (Moral Story)
जबवहकछुआतालाबकेकिनारेपहुँचा, तबतकछोटेलड़केनेरोनाबंदकरदियाथा...
जबवहकछुआतालाबकेकिनारेपहुँचा, तबतकछोटेलड़केनेरोनाबंदकरदियाथा।लेकिनवहअभीभीउदासथा।लड़केकोपताथाकिकछुआबोलनहींसकताऔरनाहीवहमनुष्यकेभावकोसमझसकताहै।लेकिनफिरभीवहकिसीसेबातकरनाचाहताथाऔरउससमयकछुआउसकेपासअकेलाजिंदाप्राणीथा।हल्कीआवाज़मेंलड़केनेकहा, ‘कछुआ, तुमकैसेहो? आजमेरीअध्यापिकानेमुझेमेरीरिपोर्टकार्डदी।मैंनेअच्छीपढ़ाईनहींकी।मेरारिज़ल्टबहुतगंदाआयाहै।मेरीमाँमेरेरिज़ल्टकोदेखकरबहुतदुखीहोंगी।
मैंअपनीमाँसेबहुतप्यारकरताहूँऔरमैंउन्हेंउदासनहींकरनाचाहता।लेकिनअबमेरापरिणामदेखकरवहउदासहोजाएंगी।शायदवहमुझसेगुस्साभीहोजाएंगी,मेरीमाँचाहतीहैकिमैंस्कूलमेंअच्छीपढ़ाईकरूं।मैंभीयहींचाहताहूँ।लेकिनमैंक्याकरूंमेरीपरीक्षाकेपर्चेबहुतमुश्किलथे।मुझेपताहैकिमुझेपहलेपढ़ाईकरनीचाहिएथी।लेकिनअबमैंक्याकरूँ?’ (Moral Story)
कछुएनेकुछनहींकहा।वहबसआरामसेलड़केकीबातकोसुनतारहा।कछुआलड़केकीबातऐसेसुननेलगाजैसेउसेसबकुछसमझआरहाहो। ‘शायद, मैंअच्छाकरसकताथा।मुझेपताहैशायदडरकेमारेमैंअपनेनंबरनाबताऊँतोमेरीमाँउदासनहींहोगी।हाँ, मैंयहीकरूँगा।मैंचुपरहूँगा।’लड़काअपनीसमस्याकाहलसोचकरथोड़ासंतुष्टहुआऔरउसकेचेहरेपरथोड़ीहंसीआगई।वहखड़ाहुआऔरघरजानेकेलिएतैयारहोगया। (Moral Story)
तभीउसेकिसीकीआवाज़आई, ‘जोतुमकररहेहो, क्यावहकरनाठीकहोगा?’ लड़कारुकगयाऔरदेखनेलगाकिउससेकौनबातकररहाहै।वहाँकछुएकेअलावाऔरकोईनहींथा।लड़केनेकछुएकीतरफध्यानसेदेखा।कछुआहंसाऔरहंसनेसेउसकाचेहराचमकनेलगा।फिरकछुएनेकहा, ‘मुझेलगताहैकितुम्हेंअपनीमाँकोसबसचबतानाचाहिएऔरउनसेकहनाचाहिएकिअगलीबारतुममेहनतकरकेअच्छेनंबरलाओगे।’
कछुएकोबातकरतादेखलड़काहैरानरहगया।उसेसमझमेंनहींआरहाथाकिवहक्याबोले।कछुआधीरेसेलड़केकेपासगयाऔरहंसतेहुएबोला, ‘मुझेपताहैकितुमअगलीबारअच्छाकरोगेक्योंकितुमकरनाचाहतेहो।’वैसेतोकछुएकोबोलतादेखलड़केकोबहुतअजीबलगरहाथालेकिनउसेउसकीबातोंपरविश्वासथा।उसेयकीनहोगयाकिकछुआउसकीमददज़रूरकरेगा।क्योंकिजबकछुआमनुष्यकीतरहबोलसकताहै, सोचसकताहैतोवहबहुतअच्छेकामभीकरसकताहै।लड़काकछुएकीबातोंकेबारेमेंसोचनेलगा।अचानकउसकेदिमागमेंएकविचारआया।उसनेकछुएसेपूछा, ‘क्यातुमपढ़सकतेहो?’ (Moral Story)
कछुएनेजवाबदिया, ‘नहीं! लेकिनइसकायहमतलबनहींहैकिमैंतुम्हारीपढ़ाईमेंतुम्हारीमददनहींकरसकता।कलस्कूलसेवापिसआतेसमयतुमयहांतालाबकेपासरुकनाऔरमुझेअपनीकिताबज़ोरज़ोरसेपढ़करसुनाना।अगरतुम्हेंकुछसमझनहींआएगातोमैंतुम्हेंवहचीज़समझादूंगा।उसकेबादतुमअपनीबांसुरीमेंमेरेलिएधुनबजादेना।मुझेबांसुरीसुननाबहुतपसंदहैऔरतुमबहुतअच्छीबांसुरीबजातेहो।’ (Moral Story)
लड़केकोफिरहैरानीहुईकिकछुआकैसेजानताहैकिउसेबांसुरीबजानीआतीहै।कछुएमेंकुछनकुछजादुईबातथी।कछुएजैसेदोस्तकोपाकरअबलड़काउदासनहींथा।उसनेकछुएकाशुक्रियाकियाऔरउससेवादाकियाकिवहअपनीमाँकोसबकुछसचबताएगाऔरउन्हेंअपनीरिपोर्टकार्डभीदिखाएगा।औरआगेसेमेहनतकरकेअगलीबारअच्छेनंबरज़रूरलाएगा।इसतरहकछुएनेलड़केकोसहीरास्तादिखाया।जैसेहीलड़काअपनेघरजानेलगाकछुएनेपीछेसेकहा, ‘वैसेमेरानामकदमहै।’लड़काहंसाऔरउसनेकहामेरानामगणेशहै।कछुएनेफिरहंसतेहुएकहाकि ‘मुझेमालूमहै।’ (Moral Story)