Moral Stories दीपावली का त्योहार और रमन का संकल्प दीपावली का त्यौहार (Diwali Festival) आने वाला था। सभी के घरों में साफ-सफाई और सजावट का काम जोर-शोर से चल रहा था। बाजार रंग-बिरंगी लाइटों, मिठाइयों और खिलौनों से सज गए थे। हर तरफ खुशियों का माहौल था। By Lotpot 29 Oct 2024
Moral Stories बाल कहानी : आत्मनिर्भरता की सीख सोहन के पिता गाँव के सबसे बड़े ज़मींदार थे। सोहन उनका इकलौता पुत्र था। घर में किसी वस्तु की कोई कमी नहीं थी। नौकरों की संख्या इतनी थी कि कुछ भी पूछने की जरूरत नहीं थी। By Lotpot 25 Oct 2024
Motivational Stories बाल कहानी : हाथों का मूल्य बाल कहानी : हाथों का मूल्य - यह गर्मियों की एक दोपहर की बात है जब स्कूल की छुट्टी के बाद रमेश अपने घर लौट रहा था। हैडमास्टर होने के कारण, वह स्कूल से सबसे आखिरी में निकलता था। By Lotpot 27 Aug 2024
Stories हिंदी नैतिक कहानी: अपनों के लिए समय एक पिता अपने काम से घर देर से पहुंचे। वह बहुत थके हुए और चिड़चिड़े हो रहे थे। जब वह घर पहुंचे तो उनका पांच साल का बेटा दरवाजे पर खड़ा उनका इंतजार कर रहा था। By Lotpot 06 Jul 2024
Stories मजेदार हिंदी कहानी: वह मरूस्थल का जहाज नहीं हो सकती रहमत की ऊंटनी उसके लिए मरूस्थल का जहाज थी। वह एक छोटा व्यापारी था जो राजस्थान के एक गांव में रहता था उस का कारोबार अच्छा चल रहा था और उसने कुछ धन भी इकट्ठा कर लिया था। By Lotpot 05 Jul 2024
Stories हिंदी प्रेरक कहानी: बरसो रे मेघा कई दिनों से बारिश नहीं हो रही थी सभी परेशान थे जिनमें नंदिनी नाम की वह छोटी सी लड़की भी शामिल थी, नंदिनी ने जब घुमडते बादलों को देखा तो वह उनसे बोली- “ऐ मेघा तुम हमारे यहां क्यों नहीं बरसते देखते नहीं कितने परेशान हैं हम!” By Lotpot 04 Jul 2024
Stories हिंदी नैतिक कहानी: जीवन की सीख कीर्ति, नेहा, सोनू, प्रिया और उनकी क्लास के बाकी साथी आज बहुत खुश थे, गर्मियों की छुट्टियों के बाद अभी स्कूल को खुले कुछ ही दिन हुए थे कि उन्हें पिकनिक पर ले जाया जा रहा था। By Lotpot 04 Jul 2024
Stories हिंदी नैतिक कहानी: अंधों की सूची एक बार राजा मान सिंह ने राज्य में अंधे लोगों को भीख देने का फैसला किया। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई अंधा व्यक्ति भीख लेने से छूट न जाए। By Lotpot 03 Jul 2024
Stories हिंदी प्रेरक कहानी: कुएं का मेंढ़क बारिश थम चुकी थी। चारों ओर हरियाली छाई हुई थी। पानी से धुले पेड़ों पर एक नयी छटा दिख रही थी। मधुमक्खी एक खिले हुये फूल पर मडंरा रही थी। वह सारे उपवन में घूम-घूम कर अपने छत्ते पर ले जाने के लिये परागकण एकत्र कर रही थी। By Lotpot 03 Jul 2024