हिंदी नैतिक कहानी: मेहनत का फल
Web Stories: रामू पढ़ाई में बहुत ही होशियार था उसके मन में बहुत उम्मीदें थीं, कि वह पढ़ लिखकर बड़ा आदमी बनेगा। पर वह हमेशा उदास रहता था परीक्षा निकट थी रामू की मां ने देखा
Web Stories: रामू पढ़ाई में बहुत ही होशियार था उसके मन में बहुत उम्मीदें थीं, कि वह पढ़ लिखकर बड़ा आदमी बनेगा। पर वह हमेशा उदास रहता था परीक्षा निकट थी रामू की मां ने देखा
Web Stories: एक बार राजा मान सिंह ने राज्य में अंधे लोगों को भीख देने का फैसला किया। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई अंधा व्यक्ति भीख लेने से छूट न जाए।
Web Stories: कीर्ति, नेहा, सोनू, प्रिया और उनकी क्लास के बाकी साथी आज बहुत खुश थे, गर्मियों की छुट्टियों के बाद अभी स्कूल को खुले कुछ ही दिन हुए थे।
Web Stories: मई की पच्चीस तारीख, शाम के पांच बजे पिद्दी पहलवान यानी पदमश्री लाल अपने परम मित्र हलवाई पुराणमल की दुकान पर आकर बैठ गये। अभी-अभी वे धन्नूमल के अखाड़े
Web Stories: केवल चेहरा देखकर चरित्र बताने का दावा करने वाला एक ज्योतिषी जब यूनान के जाने माने दार्शनिक सुकरात के सामने पहुंचा तो वह अपने शिष्यों की मंडली जमाकर बैठे थे।
Web Stories: एक बार मास्टर हरीरामजी को नौकर की आवश्यकता पड़ी। उन्होंने शहर में ढिंढोरा पिटवा दिया कि एक नौकर की आवश्यकता है। यह खबर शहर में जंगल की आग की तरह फैल गई।
Web Stories: किसी इलाके में एक जमींदार रहता था। उसके पास अपार धन-सम्पत्ति थी। जमीदार के दो पत्नियां थीं, माधवी और सुनंदा। माधवी से जमींदार के पांच पुत्र हुए