Moral Story - ईमानदारी की कीमत
विद्यालय में पी.टी. के शिक्षक सर मेलन बच्चों के खेलते समय उनकी सावधानी पर नजर रख रहे थे। सभी छात्र खेल के मैदान में अपनी ऊर्जा के साथ झूम रहे थे, लेकिन सर की नजरें एक विशेष घटना पर टिक गईं।
विद्यालय में पी.टी. के शिक्षक सर मेलन बच्चों के खेलते समय उनकी सावधानी पर नजर रख रहे थे। सभी छात्र खेल के मैदान में अपनी ऊर्जा के साथ झूम रहे थे, लेकिन सर की नजरें एक विशेष घटना पर टिक गईं।
एक बार राजा मान सिंह ने राज्य में अंधे लोगों को भीख देने का फैसला किया। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई अंधा व्यक्ति भीख लेने से छूट न जाए।
अरी सुन! किसान ने पत्नी को पुकारा और बाल्टी में चूना घोलने लगा। पत्नी आवाज़ सुनकर आ गयी और किसान के कामों में सहयोग करने लगी। उसकी दो बेटियां भी थीं- फूलमती और वीरमती!
उस दिन की दोपहर झामू (घर का नौकर) के लिए काफी व्यस्त थी क्योंकि वो पूरा दिन मूर्ति के पीछे भागता रहा। मूर्ति बड़ा ही शरारती बच्चा था और वो कभी किसी का कहा नहीं मानता था।
रामू पढ़ाई में बहुत ही होशियार था उसके मन में बहुत उम्मीदें थीं, कि वह पढ़ लिखकर बड़ा आदमी बनेगा। पर वह हमेशा उदास रहता था परीक्षा निकट थी रामू की मां ने देखा वह हमेशा चुप उदास बैठा आसमान देखा करता है।
रीता और रंजन भाई-बहन थे। उनके पिता जी का तो व्यापार था। इसलिए वे अपने व्यापार में व्यस्त रहते थे। महीने में पंद्रह दिन तो व्यापार के सिलसिले में बंगलौर रहते थे। घर में मां का ही हुक्म चलता था।
अविनाश आज उदास मन से स्कूल से घर लौटा। क्या स्कूल में किसी से झगड़ा हो गया या फिर अध्यापक जी ने पढ़ाई के बारे में मारा? पता नहीं अविनाश आज क्यों उदास है।