सूरज रोज समय पर आता:- यह कविता सूरज की समय पर आने की खूबसूरत आदत को दर्शाती है। सूरज का उगना न केवल दिन की शुरुआत करता है, बल्कि हमें जीवन की नई ऊर्जा और उम्मीद भी देता है। कविता बच्चों को सिखाती है कि कैसे सूरज की नियमितता हमें अनुशासन और सकारात्मकता का पाठ पढ़ाती है। इसमें हर सुबह की सुंदरता और सूरज की किरणों की महत्वता को भी उजागर किया गया है।
सूरज रोज समय पर आता
सूरज रोज समय पर आता,
हर सुबह जग में रौशनी फैलाता।
उसकी किरणों का आलिंगन प्यारा,
हर दिल में उम्मीद का दीप जलाता।
रात की चादर को वो हटाता,
तारों के सपने वो चुराता।
पलकों पर बसी उसकी रोशनी,
खुशियों की बरसात वो लाता।
जब वह निकलता, सब जग जागता,
गुलाबों की खुशबू हवा में बागता।
पंछी उसकी गुनगुनाहट में गाते,
छोटे बच्चे ख़ुश होकर नाचते।
सूरज का ये चक्र कभी न थमता,
हर दिन नई उमंग से आता।
सिखाता हमें समय की बात,
अनुशासन में है जीवन की सौगात।
उसकी गर्मी से फसलें खिलतीं,
हरियाली में रंगीनियाँ मिलतीं।
बच्चे सूरज से प्रेरित होते,
सपनों की नई राहें चुनते।
इसकी किरणों में जादू भरा,
सूरज की बातें दिल से गहरा।
सूरज रोज समय पर आता,
जीवन की रीत यही सिखाता।
कभी न भुलाना,
सच्चाई से निभाना,
सूरज की रौशनी में जो खिलता,
वो जीवन की हर बुराई को मिटाता।
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