Positive News: कर्तव्य पथ की शान नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा

इंडिया गेट के पूर्व में, लगभग 150 मीटर, शष्टभुज के केंद्र में, 73 फुट के ग्रैंड कैनोपी के नीचे 28 फीट ऊंची, जेट ब्लैक ग्रेनाइट से निर्मित नेताजी सुभाष चंद्र बोस की विशाल मूर्ति आज पूरी दुनिया के लिए एक दर्शनीय प्रतिमा है।

By Lotpot
New Update
Subhash Chandra Bose Statue at India Gate

कर्तव्य पथ की शान नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा

Positive News कर्तव्य पथ की शान नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा:- इंडिया गेट के पूर्व में, लगभग 150 मीटर, शष्टभुज के केंद्र में, 73 फुट के ग्रैंड कैनोपी के नीचे 28 फीट ऊंची, जेट ब्लैक ग्रेनाइट से निर्मित नेताजी सुभाष चंद्र बोस की विशाल मूर्ति आज पूरी दुनिया के लिए एक दर्शनीय प्रतिमा है। यह प्रतिमा सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत स्थापित की गई है। (Positive News)

भारत के आजाद होने से पहले 1938 में यहाँ ब्रिटिश राजसत्ता के प्रतिनिधि किंग जॉर्ज पंचम...

भारत के आजाद होने से पहले 1938 में यहाँ ब्रिटिश राजसत्ता के प्रतिनिधि किंग जॉर्ज पंचम की पचास फिट ऊंची संगमरमर की मूर्ति लगी हुई थी लेकिन स्वतंत्रता के बाद उस मूर्ति का देश की राजधानी में बने रहने पर बहुत विरोध हुआ और आखिर 1968 में उसे वहां से अन्य जगह स्थानांतरित कर दिया गया परंतु वहां किस भारतीय महान हस्ती की मूर्ति स्थापित की जाय, यह तय ना हो पाने के कारण यह जगह पाँच दशकों तक खाली रही और अंततः भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने यहाँ देश के महान नेता सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा की स्थापना की। (Positive News)

Holographic statue of Subhash chandra bose at India Gate

यह मूर्ति सिंगल जेट ब्लैक ग्रेनाइट पत्थर से बनाई गई है और इसमें 280 मिट्रिक टन ग्रेनाइट का इस्तेमाल किया गया। यह ग्रेनाइट पत्थर तेलंगाना से दिल्ली लाया गया जिसे लाना सचमुच एक बड़ी चुनौती थी। इस विशाल ग्रेनाइट शीला को तेलंगाना के खम्मम से 1665 किलोमीटर की दूरी तय करके दिल्ली लाया गया और इसके लिए 140 चक्कों वाले ट्रक का इस्तमाल किया गया। ट्रक की लंबाई सौ फिट थी। (Positive News)

उसके बाद मूर्तिकार अरुण योगीराज ने इसे सही रूप रेखा देकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा के रूप में तराशने की जिम्मेदारी ली और उनके नेतृत्व में कई शिल्पकारों ने इसे गढ़ने का काम शुरू किया। इस प्रतिमा को बनाने में 26000 घन्टे लगे हैं। 280 मीट्रिक भारी पत्थर को तराश कर 65 मीट्रिक टन बनाया गया। लेकिन इसे तराशने में किसी भी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किए बिना पारंपरिक औजारों का सहारा लेकर हाथों की कला से बनाया गया है इसलिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस की यह विशाल प्रतिमा भारत में सबसे ऊँची हस्तनिर्मित मूर्तियों में से एक है। (Positive News)

यह प्रतिमा उसी स्थान पर स्थापित की गयी है जहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस की होलोग्राम प्रतिमा लगी हुई है। इस होलोग्राम का अनावरण, नेताजी की 125 वीं जयंती पर भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 23 जनवरी (जिसे पराक्रम दिवस कहा जाता है) को किया था। अब नेताजी सुभाष चंद्र बोस का होलोग्राम और ग्रेनाइट प्रतिमा, दोनों कर्तव्य पथ (पुराना नाम राज पथ) का मुख्य आकर्षण बना हुआ है। आजादी के पहले जहां ब्रिटिश राजसत्ता के प्रतिनिधि की मूर्ति लगी थी आज वहां भारत के शूरवीर, महान नेता सुभाष चंद्र बोस की इतनी विशाल प्रतिमा का स्थापित होना आधुनिक भारत का सशक्त प्रतीक है। (Positive News)

Netaji Subhash Chandra Bose | लोटपोट | नेताजी सुभाष चन्द्र बोस | ponjittiv-nyuuz

यह भी पढ़ें:-

Positive News: भारत डिजिटल भुगतान में शीर्ष पर है

Positive News: भारतीय फोटोजर्नलिज्म के जनक हैं टी एस सत्यन

Positive News: एआई-सक्षम डिवाइस से पैथोलॉजी में क्रांति

Positive News: नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित भारतीय वैज्ञानिक