होली के बारे में कुछ दिलचस्प बातें, जो आपको जरूर पता होनी चाहिए यह त्योहार चौथी सदी का है। होली का त्योहार बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है और होली, होलिका को जलाये जाने के अगले दिन मनाया जाता है। होली शब्द होलिका में से निकला है। होलिका राजा हिरण्याकश्यप की राक्षसी बहन थी। राजा हिरण्याकश्यप भगवान की भक्ति करने के कारण काफी शक्तिशाली था और वह लोगों से खुद को भगवान बुलवाता था और जो कोई उसे भगवान नहीं कहता था उसे वह मार देता था। By Lotpot 14 Feb 2020 in Stories Interesting Facts New Update Some Holi Facts : यह त्योहार चौथी सदी का है। होली का त्योहार बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है और होली, होलिका को जलाये जाने के अगले दिन मनाया जाता है। होली शब्द होलिका में से निकला है। होलिका राजा हिरण्याकश्यप की राक्षसी बहन थी। राजा हिरण्याकश्यप भगवान की भक्ति करने के कारण काफी शक्तिशाली था और वह लोगों से खुद को भगवान बुलवाता था और जो कोई उसे भगवान नहीं कहता था उसे वह मार देता था। हिरण्याकश्यप का बेटा प्रहलाद भगवान विष्णु का भक्त था और वह राजा की बहन के षड्यंत्र से बच गया था जो उसे आग में जलाकर मारना चाहती थी। राजा ने खुद भी अपने बेटे की कई बार जान लेने की कोशिश की थी लेकिन प्रहलाद को हर बार भगवान विष्णु ने बचाया था। होली के साथ दूसरी धारणा यह जुड़ी है की इस दिन भगवान कृष्ण की माँ यशोदा ने उन्हें राधा को मनाने के लिए मना लिया था। कृष्ण हमेशा अपनी माँ से राधा के गोरेपन की शिकायत करते थे और उनकी माँ ने उन्हें राधा के चेहरे पर रंग लगाने की सलाह दी थी । होली वंसत ऋतु के आगमन का भी प्रतीक है जब गेहू की उपज होती है और सर्दियों का अंत होता है। होली की शाम को होलिका जलाई जाती है और इस त्योहार की शुरूआत की जाती है। होली के हर्बल रंग कैसे बनायें जब भी आप ईको-फ्रेंडली होली मनाने का प्लान करें, तब आप कुछ बातों का ध्यान ज़रूर रखें। दरअसल, यही वे बातें हैं, जिनसे आप सचमुच ईको-फ्रेंडली होली एंज्वाॅय कर सकते हैं। जैसे... सूखे हर्बल रंग से होली सेलिब्रेट करें। होली के दिनों में रंगों में काफी केमिकल्स की मिलावट की जाती है। हरा काॅपर सल्फेट आँखों में एलर्जी व सूजन, टेम्परेरी ब्लाइंडनेस कर सकता है। वहीं लाल मरक्यूरी सल्फाइट स्किन कैंसर की संभावना पैदा कर सकता है। नीला प्रूसियन ब्लयू काॅन्ट्रैक्ट डर्मेटाइटिस कर सकता है। काला लेड ऑक्साइड किडनी और याद्दाश्त पर प्रभाव डाल सकता है। सिल्वर अल्यूमिनियम बूरमाइड कैंसर का खतरा पैदा कर सकता है। चमकीले रंग कांच का चूरा सिलिका, सांस की बीमारी और त्वचा पर प्रभाव कर सकता है। इसलिए दोस्तों, इस होली पर आप हर्बल रंगों का इस्तेमाल करके इस त्योहार को खुशी से सेलिब्रेट करें। हम आपको बताते है कि कैसे आप हर्बल रंगों को घर पर ही आसानी से बना सकते है। पीला रंग- आटे, बेसन, मैदा या टैलकम पाउडर में हल्दी मिलाकर अथवा गेंदे के फूल को पीस कर उसे आटे में मिला कर पीला रंग तैयार किया जा सकता है। हरा- मेहंदी को आटा, मैदा या टैलकम पाउडर में मिलाकर हरे रंग को तैयार करें। लाल रंग- पान में इस्तेमाल में लाया जाने वाला पदार्थ कत्था व हल्दी को मिला कर इस रंग को बनाएं। गहरा गुलाबी- प्याज या चुक्ंदर को कुछ देर तक पानी में भिगो कर इस रंग को बना सकते हैं। और ये भी पढ़ें : होली की बाल कहानी : रंग भरा सपना #Interesting Facts #Rochak Baatein #Gk #AcchiBaatein #Amazing #Hindi Knowledge #History #IndiaFacts #LotpotFact #LotpotGyan #LotpotWiki #लोटपोट की दुनिया ##HindiKnowledge ##LotpotWiki #लोटपोटकीदुनिया #About Holi #Holi Facts #Holi Fevsital #Holi Hai Facts #Natural make Holi Colours #विष्णु का भक्त #हिरण्याकश्यप का बेटा #होलिका You May Also like Read the Next Article