बाल कहानी : सहयोग
अमिताभ एक सीधा साधा लड़का था। उसमें कोई बुरी आदत नहीं थी। पढ़ने के समय पढ़ता खेलने के समय खेलता। उसको रोज जेब खर्च के लिए पैसे मिलते थे। जिसे वह अपनी गुल्लक में डाल देता था।
अमिताभ एक सीधा साधा लड़का था। उसमें कोई बुरी आदत नहीं थी। पढ़ने के समय पढ़ता खेलने के समय खेलता। उसको रोज जेब खर्च के लिए पैसे मिलते थे। जिसे वह अपनी गुल्लक में डाल देता था।
बात तबकी है जब दुनिया बनी ही थी। एक बार पशुओं और पक्षियों में किसी बात पर आपस में मन मुटाव हो गया। बात बढ़ते बढ़ते युद्ध की नौबत तक आ गई। दोनों ही पक्षों के असरदार सरदारों ने अपने आपको श्रेष्ठ ठहराया। जब कोई भी झुकने को तैयार नहीं हुआ तो दोनों ही युद्ध के लिए हथियार लेकर आमने सामने डट गए।
करीम बख्श बहुत ही सीधा-सादा आदमी था, पर था बहुत कंजूस। सादा भोजन करना और सादे कपड़े पहनना ही उसे भाता था जूते तो कभी उसने पहने ही नहीं थे। एक बार मित्रों के बहुत कहने पर उसने जूते खरीदने की सोची। सारा बाजार छान मारा, पर उसे अपनी पसंद के जूते न मिले।
सोनू अभी बकरियाँ चरा ही रहा था कि आकाश पर लाल रंग की घटा छा गई। चारों तरफ अँधेरा सा छाने लगा। फिर जोर की आँधी चलने लगी। आँधी की सीटी गूँजने लगी। पेड़ों के डाल टूट टूटकर गिरने लगे। अनेक पेड़ जड़ से ही उखड़ गये। जंगल के सभी जीव जन्तु पागल होकर इधर उधर भागने लगे। किसी को भी कुछ पता नहीं था कि वह किधर जा रहे है। वही हाल सोनू का भी था। वह भी तूफान से भटका हुआ न जाने किस ओर निकल गया।
सौरभ और सीमा बगीचे में बैठे हुए, रंग बिरंगे फूलों को बड़े प्यार से देख रहे थे। उन्हें इस बात की बहुत खुशी थी कि उनकी मेहनत से आज सभी फूल मुस्कुरा रहे थे। दोनों भाई बहन को फूलों से बहुत प्यार था। उनके इस मासूम जीवन के दो ही तो काम थे। लगन से पढ़ना और तरह तरह के फूलों की क्यारी लगाना, प्रति दिन सुबह शाम फूलो मे पानी डालना, निराई करना आदि उनका मुख्य काम था। पढ़ाई से फुरसत पाते ही वे अपने बगीचे की देखभाल में जुट जाते। अपने इन होनहार बच्चों पर उनके मम्मी पापा भी गर्व करते थे।
बात बहुत पुराने समय की है। कोयल के गीतों की तूती बोलने लगी थी। चारों ओर सुरीले कंठ की प्रशंसा होने लगी थी। वह अपनी प्रशंसा सुनकर फूली नहीं समाती थी। उसके अहंकार की कोई सीमा ही न थी। एक बार किसान के खेत में खड़ी फसल को परिंदों ने काफी नुकसान पहुँचाया था। किसान अपनी मेहनत की कमाई को चैपट देखकर आगबबूला हो उठा था।
बाल कहानी : कौन किसका सेवक? (Lotpot Kids Story) मालवा का राजा राय मालवी बहुत ही घमंडी व्यक्ति था। इतने बड़े प्रदेश का निरंकुश शासक होने का उसे घमंड था
बाल कहानी : छोटी बुद्धि का कमाल (Lotpot Kids Story): टीकू खरगोश अपनी बिल के पास बैठा सामने कुछ दूरी पर अपने दो बच्चों चीटू और नीटू को खेलता हुआ देख रहा था।
बाल कहानी : भोलू बंदर की चालाकी (Lotpot Kids Story) शान्ति वन का राजा गब्बर सिंह दुष्ट प्रकृति का था। वह छोटे जानवरों के मांस को संसार का सर्वश्रेष्ठ भोजन समझता था, इसलिए वह रोज दो-चार छोटे जानवरों को मार कर खा जाया करता था। उसी जंगल में एक बुद्धिमान चतुर और दयालू बंदर था। जंगल के सभी जानवर उसे भोलू बंदर के नाम से पुकारते थे। छोटे जानवरों की घटती संख्या को देखकर उसे चिन्ता हुई। वह दुष्ट राजा गब्बर सिंह से जानवरों को छुटकारा दिलाने का उपाय सोचने लगा। कुछ देर सोचने के बाद उपाय सूझते ही उछल पड़ा और रात होने का इंतजार करने लगा।