Stories बाल कहानी : धूर्त ओझा को सबक वैसे आलोक रहता तो था शहर में। अपने माता-पिता के पास, लेकिन आजकल वह अपने नाना जी के गाँव में गर्मियों की छुट्टियाँ बिताने आया था। पढ़ने-लिखने में तेज, आलोक साहसिक कार्यो में भी बच्चों का अगुआ था। आलोक भूत-प्रेतों और अंधविश्वासों को जरा भी न मानता था जबकि उसके नाना जी भूत-प्रेतों और अंधविश्वासों को मानने लगे थे। बस आलोक को यही बात खटकती रहती कि उसके नाना जी जो भूत-प्रेतों का कभी न मानते थे अब क्यों भूत-प्रेतों में विश्वास करने लगे थे? By Lotpot 25 Apr 2020
Stories बाल कहानी: प्रजा का सुख-दुख प्रजा का सुख-दुख- हुजूर, आपकी शान बुलंद रहे। महाराज, आपकी बहादुरी के किस्से कभी भूले नहीं जा सकते। अन्न दाता, आप जैसा न्यायकारी राजा हमने कहीं नहीं देखा। महाराज, अपकी ख्याति चारों दिशाओं में फैली हुई है। जनता आपकी जय जयकार कर रही है। इस तरह कई खुशामद करने वाले प्राणी सुंदर वन के राजा शेर सिंह को घेरे रहते थे और रात दिन उसकी झूठी प्रशंसा करते रहते थे। By Lotpot 25 Apr 2020
Stories बाल कहानी : लालच का नतीजा कनक वन में हाथियों का एक झुंड रहता था सभी साथी मिलजुल कर काम करते थे। और बड़े प्रेम से साथ-साथ रहते। इस झुंड के मुखिया का नाम था कनक। कनक बड़ा दयालु हाथी था। सब हाथी उसकी बड़ी इज्जत करते थे। जैसा कनक कहता वैसा ही सब करते। कनक हाथी का एक एकमात्र बेटा था हीरा। By Lotpot 24 Apr 2020
Stories बाल कहानी : फसलें लहलहा उठीं विजय नगर के महाराज कृष्णदेवा राय अपनी प्रजा का बहुत ख्याल रखा करते थे। प्रजा के सुख-दुख को जानने के लिये वह अपने जासूसों पर ही नहीं निर्भर रहा करते थे, बल्कि अक्सर भेस बदलकर अपने प्रधानमंत्री के साथ अपने राज्य के भ्रमण पर निकल जाया करते थे। इस प्रकार उन्हें जनसाधारण के साथ घुलने मिलने का और उसकी कठिनाइयां जानने का अवसर मिल जाया करता था। By Lotpot 22 Apr 2020
Stories बाल कहानी : सपने देखने की आदत वह बहुत सुन्दर चाँदनी रात थी। हल्के-हल्के बादल आसमान पर छाए हुए थे। रानी चुहिया अपने घर की खिड़की से चाँद को देख रही थी। उसने चाँद को देखकर सोचा, इस चाँद पर सवारी करने में कितना मजा आएगा, वहाँ तो कोई दुश्मन भी नहीं होगा। By Lotpot 15 Apr 2020
Stories बाल कहानी : उत्तराधिकारी का चुनाव उत्तराधिकारी का चुनाव- एक महर्षि थे। जाह्नवी के तट पर उनका आश्रम था। आश्रम में वह अकेले रहते थे। उनकी ख्याति चारों ओर फैली हुई थी। राजा वीरसेन उनका खूब आदर करते थे और बीच-बीच में वह स्वयं उनके दर्शन के लिए आ जाते। By Lotpot 15 Apr 2020
Stories बाल कहानी: भ्रम के बादल कुमार अपनी स्कूटी पर बैठा मध्यम गति से स्कूल की ओर चला जा रहा था। आज उसकी परीक्षा का अंतिम पेपर था। तभी उसका ध्यान हाथ पर बँधी कलाई घड़ी पर गया। परीक्षा शुरू होेने में थोड़ा ही समय शेष रह गया था। उसने स्कूटी की गति और तेज कर दी। By Lotpot 15 Apr 2020
Stories बाल कहानी : चालाक शेरू बहुत समय पहले शेरू नामक बिल्ली का बच्चा रहता था। उसके माता-पिता कुत्ते द्वारा मारे जा चुके थे। छोटा होने के बावजूद वह बहादुर और बुद्धिमान था। उसने सोचा कि अभी मैं छोटा हूँ इसलिए मुझे कोई सहारा ढँूढ लेना चाहिए। वर्ना मैं भी किसी का शिकार बन जाऊँगा। यह सोचकर वह सहारे की खोज में निकला। अभी वह कुछ दूर ही गया था कि उसे एक भेड़िया मिला। मुझे बहुत जोर से भूख लगी है। वह शेरू को देखकर बोला। By Lotpot 15 Apr 2020
Stories बाल कहानी : निराले संगीतकार ओ गधे के बच्चे! निकल जा यहाँ से। मुझे कोई जरूरत नहीं है तुम्हारी। मेरे पास फोकट का माल नहीं है जो घास चारा ला लाकर तुम्हें खिलाता रहूँ और काम न कर पाए तू दो पैसे का भी। चल हट निकल नहीं तो एक ही लठ मार कर कमर तोड़ दूँगा। कहते हुए कल्लू धोबी ने अपने गधे के पाँव में पड़ी हुई पिछाड़ी खोल दी। By Lotpot 07 Apr 2020