Stories बाल कहानी : दूजे का दुख बात बहुत पुराने समय की है। कोयल के गीतों की तूती बोलने लगी थी। चारों ओर सुरीले कंठ की प्रशंसा होने लगी थी। वह अपनी प्रशंसा सुनकर फूली नहीं समाती थी। उसके अहंकार की कोई सीमा ही न थी। एक बार किसान के खेत में खड़ी फसल को परिंदों ने काफी नुकसान पहुँचाया था। किसान अपनी मेहनत की कमाई को चैपट देखकर आगबबूला हो उठा था। By Lotpot 31 Mar 2020
Stories बाल कहानी : कौन किसका सेवक? बाल कहानी : कौन किसका सेवक? (Lotpot Kids Story) मालवा का राजा राय मालवी बहुत ही घमंडी व्यक्ति था। इतने बड़े प्रदेश का निरंकुश शासक होने का उसे घमंड था By Lotpot 23 Mar 2020
Stories बाल कहानी : छोटी बुद्धि का कमाल बाल कहानी : छोटी बुद्धि का कमाल (Lotpot Kids Story): टीकू खरगोश अपनी बिल के पास बैठा सामने कुछ दूरी पर अपने दो बच्चों चीटू और नीटू को खेलता हुआ देख रहा था। By Lotpot 23 Mar 2020
Stories बाल कहानी : भोलू बंदर की चालाकी बाल कहानी : भोलू बंदर की चालाकी (Lotpot Kids Story) शान्ति वन का राजा गब्बर सिंह दुष्ट प्रकृति का था। वह छोटे जानवरों के मांस को संसार का सर्वश्रेष्ठ भोजन समझता था, इसलिए वह रोज दो-चार छोटे जानवरों को मार कर खा जाया करता था। उसी जंगल में एक बुद्धिमान चतुर और दयालू बंदर था। जंगल के सभी जानवर उसे भोलू बंदर के नाम से पुकारते थे। छोटे जानवरों की घटती संख्या को देखकर उसे चिन्ता हुई। वह दुष्ट राजा गब्बर सिंह से जानवरों को छुटकारा दिलाने का उपाय सोचने लगा। कुछ देर सोचने के बाद उपाय सूझते ही उछल पड़ा और रात होने का इंतजार करने लगा। By Lotpot 17 Mar 2020
Stories बाल कहानी : गलती का अहसास सोनू के पिता डाॅक्टर अविनाश का जिले भर में नाम था। उनके जैसा कुशल सर्जन और कहीं नहीं था। सोनू डाॅक्टर अविनाश का इकलौता लड़का था। वह काॅन्वेन्ट स्कूल में कक्षा 6 का विद्यार्थी था। एक दिन की बात है। सोनू स्कूल से पैदल ही घर की ओर चला आ रहा था। अभी वह बाजार पार कर घर की ओर जाने वाली सड़क पर मुड़ा ही था कि अचानक एक बूढ़े व्यक्ति ने सोनू को पकड़ लिया। सोनू की समझ में कुछ न आया। उस व्यक्ति ने कहा बेटा सड़क पर मुड़ते समय दोनों दिशाओं में देख लिया करो। अगर अभी मैं तुम्हें नहीं खींचता तो ट्रक तुम्हारे ऊपर से निकल गया होता। By Lotpot 17 Mar 2020
Stories बाल कहानी : बहन का फर्ज जंगल में सभी छोटे जानवर कालू गीदड़ से बहुत डरते थे। कालू बहुत ही मक्कार और धोखेबाज था। वह छोटे जानवरों को जहाँ कहीं भी अकेला पाता। उन्हें पकड़कर खा जाता था। एक रोज छोटू खरगोश अपने दो छोटे बच्चों के साथ तालाब के किनारे हरी-हरी घास चर रहा था। तभी वहाँ घूमता हुआ कालू गीदड़ आ पहुँचा और वह छोटू को अपने दोनों बच्चों के साथ घास चरते देखकर बोल उठा। छोटू आज तो मैं तुम्हारे इन दोनों बच्चों को खा कर अपनी भूख मिटाऊँगा। दिन भर का भूखा हूँ। By Lotpot 17 Mar 2020
Stories बाल कहानी : पछतावा आज सुबह के दैनिक अखबार के खेल पन्ने पर यह पढ़ते ही कि, ‘जिला क्रिकेट संघ, राष्ट्रीय वीनू मांकड़ सब जूनियर क्रिकेट ट्राफी’ हेतू स्थानीय बाल क्रिकेट खिलाड़ियों की चयन स्पर्धा आयोजित कर रहा है, राजू खुशी के मारे उछल पड़ा। वह बहुत समय से इस प्रतियोगिता में अपने जिले की टीम का प्रतिनिधित्व करने का सपना देख रहा था। राजू ने तुरन्त भागकर अपने पड़ोसी क्रिकेट खिलाड़ी मित्रों गुड्डू व चिंटू को भी ताली बजाकर अपनी प्रसन्नता जाहिर की। अखबार की सूचना के अनुसार टीम का चयन अगले दिन सुबह आठ बजे से नेहरू स्टेडियम में प्रारंभ होना था। By Lotpot 17 Mar 2020
Stories बाल कहानी : भाग्य की खोज जुग जुग मुर्गे के अभी नये नये पंख निकले थे। ऊपर छोटी सी कलगी भी आ गई थी और सुंदर पूँछ भी। वह कीडे ढूँढ ढूँढ कर एक दिन माँ और पिताजी की नजर बचाकर वह अपना भाग्य खोजने चल दिया। खाता और पानी में अपनी शक्ल देखता। वाह! कितना सुंदर हूँ मैं। उसका सिर गर्व से उठ जाताए और सोचता मैं बेकार इस गंदी जगह में पड़ा रहा हूँ। कहीं चलकर अपना भाग्य आजमाऊँ। एक चलते चलते उसे एक पहाड़ मिला। पहाड़ बोला नन्हे जुग जुग भाई किधर जा रहे हो? जुग जुग बोला, "अपना भाग्य खोजने जा रहा हूँ। तुम यहाँ बरसों से एक जगह पडे हो चलो तुम भी मेरे साथए चलकर दोनों अपना भाग्य खोजेंगे।" By Lotpot 28 Feb 2020
Stories बाल कहानी : समय की सूझ सरिता अभी अभी पार्क से खेलकर लौटी थी। वह बाथरूम में जाकर हाथ मुंह धो ही रही थी कि तभी लाईट चली गई। अब तो शाम का अँधेरा घिरते ही लाईट जाना एक आम बात हो गई थी। सरिता की दादी बरामदे में बैठी रामायण पढ़ रही थी। लाईट चले जाने से वह, बिजली विभाग को तीन चार भारी सी गाली बकती हुई। आंगन में ही सरिता की मम्मी शाम के खाने की तैयारी में सब्जी काट रही थी। डैडी अभी अभी आफिस से लौटे थे। By Lotpot 28 Feb 2020