Comics मोटू पतलू की कॉमिक्स- गर्मियों की छुट्टियाँ प्यारे बच्चों, जैसा कि आप जानते हैं फुरफुरी नगर में गर्मियों की छुट्टियाँ चल रही है ऐसे में मोटू पतलू में घुमने की बजाय अपने दोस्तों के घर रहने का प्रोग्राम बनाते है, वो दूसरी तरफ घसीटाराम और डॉ झटका भी यही सोच रहे होते है और फिर आगे क्या होता है ये सब जानने के लिए नीचे दी गई मोटू पतलू की कॉमिक्स अवश्य पढ़ें: By Lotpot 04 Apr 2020
Comics मोटू पतलू की कॉमिक्स- मोटू चला आईपीएल प्यारे बच्चों, जैसा कि आप जानते हैं फुरफुरी नगर में आईपीएल होने वाला है और मोटू आईपीएल में हिस्सा लेने के लिए जा रहा है वही दूसरी तरफ डॉ झटका और घसीटा राम मोटू को अपने जाल में फंसा लेते हैं और फिर आगे क्या होता है ये सब जानने के लिए नीचे दी गई मोटू पतलू की कॉमिक्स अवश्य पढ़ें: By Lotpot 27 Mar 2020
Comics मोटू पतलू की कॉमिक्स : पेड़ लगाओ, जिन्दगी पाओ प्यारे बच्चों, जैसा कि आप जानते हैं मोटू नींद में सपने बहुत देखता है, ऐसा ही एक सपना उसे आता है, कि एक पेड़ कुल्हाड़ी लेकर उसे मारने वाला है, तो उससे माफ़ी मांगता है, तब वह पेड़ उसे मारने का कारण बताता है, ये वाला कारण बच्चों आपको भी जानना चाहिए, इसके लिए आपको नीचे दी गई कॉमिक्स पढ़नी होगी. By Lotpot 19 Mar 2020
Stories मोटू पतलू की कॉमिक्स : किसने किसका बनाया अप्रैल फूल प्यारे बच्चों, हम सब 1 अप्रैल को किसी न किसी को बेवकूफ जरूर बनाते हैं तो ऐसे में हमारे मोटू पतलू क्यों पीछे रहते. उन्होंने डॉ झटका और घसीटाराम को अप्रैल फूल बनाना तो चाहा लेकिन वो उनको ही उल्टा पड़ गया. न...ना.. आगे की कहानी हम आपको नहीं बता सकते हैं, इसके लिए आपको हमारी मोटू पतलू की ये कॉमिक्स पढ़नी होगी, तब आपको पता चलेगा कि कैसे चोर को मोरे पड़ गए. चलिए अब देर किस बात की जल्दी से पढ़िए मोटू पतलू की ये कॉमिक्स. By Lotpot 09 Mar 2020
Comics मोटू पतलू की कॉमिक्स : मुंडेर पे तेरी बोल रहा है कागा प्यारे बच्चों, पुराने ज़माने में जब किसी की छत पर कौवा, काँव-काँव करता था तो ये पता चल जाता था कि आज घर में कोई मेहमान आने वाला है, ठीक ऐसा ही हुआ मोटू पतलू के घर, जब उनकी छत पर भी कौवे ने काँव-काँव किया तो वो समझे कि शायद कोई मुफ्त का मेहमान आने वाला है, फिर वो अपना दरवाजा अन्दर से बंद कर लेते हैं, जब वो मेहमान आता है और दरवाजा बंद देखता है तो वो वापस चला जाता है, By Lotpot 21 Feb 2020
Stories बाल कहानी : अक्ल बड़ी या भैंस कभी कभी कुछ ऐसी घटनाएँ हमारे जीवन में घटती हैं कि अचानक ही मुुंह से कोई उक्ति या मुहावरा निकल पड़ता है। और सच ही वह एक उक्ति संपूर्ण घटना के अर्थ को अपने में समेंट लेती है। हुआ यूँ कि सुनील के घर एक नया नौकर था। बात बात पर बेवकूफी दर्शाता था। प्लेट मंगाओं तोे स्लेट उठा लाता था। By Lotpot 20 Feb 2020
Stories बाल कहानी : कामचोर कामचोर- राजू! ओ राजू! माँ ने पुकारा। ओ हो जब देखो काम ही काम, जरा देर हुई नहीं खेलते की चिल्लाना शुरू। राजू बड़बड़ाते हुए माँ के सामने जा पहुँचा। क्या है माँ? उसने पूछा। बेटा जरा बाजार जाकर सब्जी तो ले आना। माँ बोली। ओह! माँ जब घर मे नौकर है तो फिर तुम मुझे ही बेवजह क्यों परेशान करती हो नौकर से मंगवा लो। और राजू गिल्ली डंडा उठाकर फिर जा पहुँचा मैदान में। बिना माँ के जवाब की प्रतीक्षा किये। By Lotpot 17 Feb 2020
Comics मोटू पतलू की कॉमिक्स : बुरा ना मानो होली है बुरा ना मानो होली है (Motu Patlu Ki Comics) : प्यारे बच्चों, आपको होली का त्यौहार कैसा लगता है ? पक्का अच्छा लगता होगा, लेकिन मोटू इस बार होली नहीं खेलना चाहता, चलिए आपको थोडा हम बता देते हैं, होता क्या है कि मोटू इस बार की नहीं खेलना चाहता और वो इधर उधर बचता रहता है कि कोई भी उसे रंग ना लगा दें, पतलू उसे रंगने की कोशिश करता है, लेकिन वो बच निकलता है, फिर उसे रास्ते में डॉ. झटका और घसीटा भी मिलते हैं तब भी वो बच जाता है, By Lotpot 12 Feb 2020
Stories होली की बाल कहानी : रंग भरा सपना सायंकाल मैं खाना खाकर उठा ही था कि पत्नी ने कहा, अगले रविवार को होली है। रंग इत्यादि लाने हैं। होली का हुड़दंग के मामले में मैं जरा डरपोक किस्म का आदमी हूं। उस समय तो मैंने स्वीकृति में सिर हिला दिया किन्तु मेरे सारे शरीर में एक कम्पन फूट गया। हर साल यह बला सिर पर आती रहती है। कैसा बेतुका त्योहार है। सभी तमीज भूलकर सज्जन से दुर्जन हो उठते हैं। यही एक अवसर है कि सामाजिक बन्धनों में जकड़ा आदमी इस बात का सबूत होता है कि वह भी कभी बन्दर था। By Lotpot 05 Feb 2020