नीला सियार - सच को छिपाना मुश्किल
बहुत समय पहले की बात है, जंगल में एक चतुर सियार रहता था। वह अपनी चालाकी के लिए मशहूर था। एक दिन सियार जंगल से निकल कर गाँव के तरफ चल दिया, वहां गाँव में अनजान जानवर को देख वहां के कुत्तों ने ऊपर हमला कर दिया
बहुत समय पहले की बात है, जंगल में एक चतुर सियार रहता था। वह अपनी चालाकी के लिए मशहूर था। एक दिन सियार जंगल से निकल कर गाँव के तरफ चल दिया, वहां गाँव में अनजान जानवर को देख वहां के कुत्तों ने ऊपर हमला कर दिया
एक बार की बात है, हरे-भरे जंगल में एक छोटा सा खरगोश, जिसका नाम चीकू था, अपने माता-पिता के साथ रहता था। चीकू बहुत आलसी था। वह हमेशा अपनी मम्मी-पापा के कहने पर भी काम करने से कतराता। हर बार मम्मी उसे समझातीं,
एक बार की बात है, एक घने जंगल में हाथी राजा बबलू रहते थे। बबलू बहुत बड़े, मजबूत और दिल के साफ थे, लेकिन उनके बारे में एक समस्या मशहूर थी—वे बेहद भूलक्कड़ थे।
एक घना जंगल था, जहाँ अलग-अलग तरह के जानवर रहते थे। उसी जंगल में मोनू नाम का एक चालाक बंदर भी रहता था। मोनू अपनी शरारतों और चतुराई के लिए पूरे जंगल में मशहूर था।
नए साल की पहली किरण जैसे ही आसमान में टिमटिमाने लगी, गुलमोहर के पेड़ पर सोया किटू बंदर तुरंत जाग गया। उछलकर जोर से चिल्लाया, "जंगल के सभी प्राणियों की ओर से, सूरज दादा, मैं तुम्हें बधाई देता हूं।"
चंपकपुर जंगल में जानवरों की मस्ती का कोई जवाब नहीं था। यहां के जानवर हंसी-खुशी अपना जीवन बिताते थे। जंगल के दो सबसे मजेदार साथी थे - मोंटी बंदर और भोलू गधा।
बहुत समय पहले, एक घना जंगल था जिसे सभी जानवर 'मित्रवन' कहते थे। इस जंगल में हर जानवर खुशी-खुशी रहता था, क्योंकि वहाँ के राजा शेरसिंह ने सभी के बीच सच्ची दोस्ती और सहयोग का नियम बनाया था।
Web Stories | Moral Stories चंपकवन में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सभी जानवरों का 'संपन्न मेला' लगने जा रहा था। 'संपन्न मेला' इसलिए आयोजित किया जाता था ताकि
चंपकवन के मेले में कोयल ने अपने गाने से सबका दिल जीता लेकिन मादा कौआ का अपमान किया। कौआ ने उसे उसके अंडे छोड़ने की सच्चाई बताई, जिसे सुन कोयल को अपनी गलती का अहसास हुआ। कोयल ने माफी मांगी और त्याग का महत्व समझा। कहानी सिखाती है, सम्मान और एकता जरूरी हैं।