Motivational Story: मुनीम और नौकर
करोड़ीमल लखनऊ के माने हुए सेठ थे। उदार व दानी होने के कारण सभी उनकी प्रशंसा करते थे। सेठ जी के यहाँ रामू नाम का एक नौकर और एक मुनीम काम करते थे।
करोड़ीमल लखनऊ के माने हुए सेठ थे। उदार व दानी होने के कारण सभी उनकी प्रशंसा करते थे। सेठ जी के यहाँ रामू नाम का एक नौकर और एक मुनीम काम करते थे।
राहुल एक बेहद नेकदिल न्यूज़ पेपर डिलीवरी बॉय था। हर सुबह ठीक सात बजे, वह घर घर जाकर सबके मेल बॉक्स में समाचार पत्र डालता और फिर अपने घर लौटकर कॉलेज जाने की तैयारी करता था।
एक जंगल में एक बहुत बड़ा पेड़ था उस पेड़ पर एक चिड़िया अपने बच्चों के साथ रहती थी उसी पर एक बंदर रहता था बंदर कुछ नहीं करता था। बस सारा दिन खेलना कूदना जो जहाँ मिला वहीं खा लेना और मस्ती करना।
बहुत दिन हुए, एक ठग व्यापारी का वेश बनाकर किसी गाँव में पहुँचा। उसने दिन भर इधर-उधर घूमकर समय बिताया। रात होने पर वह एक किसान के घर पहुँचा। वहाँ उसने अपने को राहगीर बता कर रात गुजारने के लिए जगह माँगी।
एक समय की बात है जब कमल, कैटी और कोमल नाम की तीन सुंदर राजकुमारियाँ रहती थीं। कमल तीन साल की थी, कैटी पांच वर्ष की और कोमल 8 साल की थी। वह राजमहल में बहुत सारे सेवक, नौकर, बावर्ची और अलग अलग लोगों के साथ रहती थीं।
एक दिन एक आदमी एक दुकान पर रुका। वह वहां से अपनी मां के लिए फूल खरीदना चाहता था, जो वह कुरियर के जरिए भेजना चाहता था क्योंकि उसकी मां 250 किलोमीटर दूर रहती थी।
विजया दशमी पर रावण फूंकने के साथ ही बच्चों का मूड ‘धांय धूं’ वाला हो जाता है और वे धमाकेदार पटाखों के साथ-साथ महताबी अनार की रंगीन कल्पनाओं में विचरते दीपावली के पर्व की प्रतीक्षा करने लगते हैं।