थोड़ा सा तो हो ना बचपन
थोड़ा सा तो हो ना बचपन- रात का आसमान हमेशा बच्चों को अपनी ओर खींचता है। चमचमाते तारे, हल्के बादल, और ठंडी हवा मिलकर ऐसा माहौल बनाते हैं जैसे आसमान खुद कोई कहानी सुना रहा हो
थोड़ा सा तो हो ना बचपन- रात का आसमान हमेशा बच्चों को अपनी ओर खींचता है। चमचमाते तारे, हल्के बादल, और ठंडी हवा मिलकर ऐसा माहौल बनाते हैं जैसे आसमान खुद कोई कहानी सुना रहा हो
“गोल-गोल पानी” एक मनमोहक हिंदी बाल कविता (Hindi Poem for Kids) है जो छोटे बच्चों को परिवार, प्यार, और ताजगी (Family, Love, and Freshness) का सुंदर संदेश देती है।
“घड़ी लगी दीवार पर” बच्चों के लिए एक शिक्षाप्रद और सरल बाल कविता (Children’s Poem) है, जो उन्हें समय (Time) की कीमत समझाने का सुंदर संदेश देती है।
“चंदामामा” एक सुंदर और स्नेह से भरी बाल कविता (Children’s Poem) है, जिसे शंकर विटणकर ने लिखा है। यह कविता बच्चों की कल्पना शक्ति (imagination) को नई उड़ान देती है।
“यह कैसी दीवाली है!” एक जागरूकता और पर्यावरण-संरक्षण पर आधारित हिंदी कविता है जो हमें त्योहारों के असली अर्थ की ओर लौटने की प्रेरणा देती है।
बच्चों, गर्मी का मौसम (summer season) आते ही सबको सबसे पहले याद आता है – आम (mango)! कविता “छह साल की छोकरी” में एक प्यारी सी बच्ची अपनी टोकरी में आम भरकर लाती है और सबको बुलाती है।
बच्चों, सुबह का समय दिन का सबसे सुंदर और ताज़गी भरा समय (morning time for kids) माना जाता है। यही कारण है कि हमारी कहानियाँ और कविताएँ अक्सर सुबह की ताज़गी और नई शुरुआत से जुड़ी होती हैं।