बाल कहानी : सपने देखने की आदत
वह बहुत सुन्दर चाँदनी रात थी। हल्के-हल्के बादल आसमान पर छाए हुए थे। रानी चुहिया अपने घर की खिड़की से चाँद को देख रही थी। उसने चाँद को देखकर सोचा, इस चाँद पर सवारी करने में कितना मजा आएगा, वहाँ तो कोई दुश्मन भी नहीं होगा।
वह बहुत सुन्दर चाँदनी रात थी। हल्के-हल्के बादल आसमान पर छाए हुए थे। रानी चुहिया अपने घर की खिड़की से चाँद को देख रही थी। उसने चाँद को देखकर सोचा, इस चाँद पर सवारी करने में कितना मजा आएगा, वहाँ तो कोई दुश्मन भी नहीं होगा।
उत्तराधिकारी का चुनाव- एक महर्षि थे। जाह्नवी के तट पर उनका आश्रम था। आश्रम में वह अकेले रहते थे। उनकी ख्याति चारों ओर फैली हुई थी। राजा वीरसेन उनका खूब आदर करते थे और बीच-बीच में वह स्वयं उनके दर्शन के लिए आ जाते।
कुमार अपनी स्कूटी पर बैठा मध्यम गति से स्कूल की ओर चला जा रहा था। आज उसकी परीक्षा का अंतिम पेपर था। तभी उसका ध्यान हाथ पर बँधी कलाई घड़ी पर गया। परीक्षा शुरू होेने में थोड़ा ही समय शेष रह गया था। उसने स्कूटी की गति और तेज कर दी।
बहुत समय पहले शेरू नामक बिल्ली का बच्चा रहता था। उसके माता-पिता कुत्ते द्वारा मारे जा चुके थे। छोटा होने के बावजूद वह बहादुर और बुद्धिमान था। उसने सोचा कि अभी मैं छोटा हूँ इसलिए मुझे कोई सहारा ढँूढ लेना चाहिए। वर्ना मैं भी किसी का शिकार बन जाऊँगा। यह सोचकर वह सहारे की खोज में निकला। अभी वह कुछ दूर ही गया था कि उसे एक भेड़िया मिला। मुझे बहुत जोर से भूख लगी है। वह शेरू को देखकर बोला।
ओ गधे के बच्चे! निकल जा यहाँ से। मुझे कोई जरूरत नहीं है तुम्हारी। मेरे पास फोकट का माल नहीं है जो घास चारा ला लाकर तुम्हें खिलाता रहूँ और काम न कर पाए तू दो पैसे का भी। चल हट निकल नहीं तो एक ही लठ मार कर कमर तोड़ दूँगा। कहते हुए कल्लू धोबी ने अपने गधे के पाँव में पड़ी हुई पिछाड़ी खोल दी।
शंहशाह जलालुद्दीन अकबर अभी दरबार में आकर बैठे ही थे कि दरबान ने आकर सूचना दी। आलमपनाह वर्मा के राजा का दूत आपके पास हाजिर होने की इजाजत चाहता है। इजाजत हैं। शंहशाह ने गुलाब का फूल सहलाते हुए उत्तर दिया। इजाजत पाते ही दरबान दूत को लेकर हाजिर हुआ और वह चिट्ठी लेकर बड़े अदब से बादशाह तक पहुँचाई जो वह वर्मा के राजा से लाया था।
गजराज हाथी अपने इकलौते बेटे राजू को बहुत प्यार करता था। जब भी वह शहर जाता राजू के लिए कुछ न कुछ जरूर लाता। कभी चाॅबी वाली मोटर तो कभी बोलने वाली गुड़िया। राजू अपनी छोटी सी संूड में खिलौने उठाये पूरे चंपक वन में घूमता रहता।
अमिताभ एक सीधा साधा लड़का था। उसमें कोई बुरी आदत नहीं थी। पढ़ने के समय पढ़ता खेलने के समय खेलता। उसको रोज जेब खर्च के लिए पैसे मिलते थे। जिसे वह अपनी गुल्लक में डाल देता था।
बात तबकी है जब दुनिया बनी ही थी। एक बार पशुओं और पक्षियों में किसी बात पर आपस में मन मुटाव हो गया। बात बढ़ते बढ़ते युद्ध की नौबत तक आ गई। दोनों ही पक्षों के असरदार सरदारों ने अपने आपको श्रेष्ठ ठहराया। जब कोई भी झुकने को तैयार नहीं हुआ तो दोनों ही युद्ध के लिए हथियार लेकर आमने सामने डट गए।