बाल कहानी : असली-नकली
दरवाजे पर दस्तक हुई। गौरी दरवाजा खोलने में हिचकिचा रही थी क्योंकि वो घर में अकेली थी। उसका पति शंकर घर से कहीं बाहर गया था और तीन दिन बाद वापिस आने वाला था।
दरवाजे पर दस्तक हुई। गौरी दरवाजा खोलने में हिचकिचा रही थी क्योंकि वो घर में अकेली थी। उसका पति शंकर घर से कहीं बाहर गया था और तीन दिन बाद वापिस आने वाला था।
Detective children's story: इस्पेक्टर हंसराज जैसे ही पुलिस स्टेशन पर पहुँचे तो उन्हें फोन आया कि जौहरी बाजार में सेठ हीरालाल की हत्या हो गई। सूचना मिलते ही पुलिस इंस्पेक्टर अपने दलबल के साथ वारदात वाले स्थान पर पहुँच गए। किन्तु हत्यारों ने इतनी सफाई और चालाकी के साथ सेठजी की हत्या की कि उन्होंने वहाँ अपना कोई सुराग नहीं छोड़ा। अपने साथ वे लाखों रूपयों के हीरे जवाहरात भी ले गए।