Stories बाल कहानी : समय की सूझ सरिता अभी अभी पार्क से खेलकर लौटी थी। वह बाथरूम में जाकर हाथ मुंह धो ही रही थी कि तभी लाईट चली गई। अब तो शाम का अँधेरा घिरते ही लाईट जाना एक आम बात हो गई थी। सरिता की दादी बरामदे में बैठी रामायण पढ़ रही थी। लाईट चले जाने से वह, बिजली विभाग को तीन चार भारी सी गाली बकती हुई। आंगन में ही सरिता की मम्मी शाम के खाने की तैयारी में सब्जी काट रही थी। डैडी अभी अभी आफिस से लौटे थे। By Lotpot 28 Feb 2020
Stories बाल कहानी : काम का भूत बाल कहानी : (Lotpot Hindi Kids Stories) काम का भूत- चिपकू हर समय अपनी माँ से चिपका रहता था। स्कूल से आते ही वह बस्ता फेंकता और माँ के कंधे पर सवार हो जाता। पहले तो अम्मा उसे बड़े लाड़ प्यार से कहानियाँ सुना सुनाकर खाना खिलाती थी लेकिन अब चिपकू और ज्यादा चिपकने लगा था। यहाँ तक कि अब वह बहाना बना कर घर बैठ जाता कहता मुझे स्कूल जाने से डर लगता है। मेरे साथ स्कूल चलो। By Lotpot 28 Feb 2020
Stories बाल कहानी : पहली अप्रैल आज पहली अप्रैल का दिन था। अलका पिछले कई दिनों से लगातार यही सोच रही थी कि इस बार अप्रैल की पहली तारीख को किसे मूर्ख बनाया जाये? सहेलियों को तो वह मूर्ख बनाती ही रही है। पर उन्हें मूर्ख बनाने में उसे कभी कोई विशेष मजा नहीं आया। आस-पड़ोस में भी किसी को बेवकूफ बनाया नहीं जा सकता, उसके घर की हर बात ही तो पड़ोसन जानती है। फिर क्या किया जा सकता है? किसी सरल स्वभाव वाले को छलने में ही आनंद आता है। सुबह वह नई ताजगी लिए हुए बिस्तर से उठी। नाश्ता करते-करते उसे बढ़िया आइडिया सूझ आया था। By Lotpot 28 Feb 2020
Stories बाल कहानी: बड़ा होटल बड़ा होटल- करीम दिल्ली में आधी जिंदगी गुजार चुका था, पर उसने शायद ही कभी किसी बड़े होटल में खाना खाया हो। उसे मालूम था कि चमकती और सजी सजाई प्लेटों का होटल में एक वक्त में इतना पैसा लग जाता है कि जितना उसके घर में महीने भर का राशन आता होगा। By Lotpot 21 Feb 2020
Stories बाल कहानी : शरारत की सजा जंगल के सभी जानवर साल में एक दिन नदी के किनारे पिकनिक मनाने जाया करते थे। लेकिन वे लोमड़ को कभी अपने साथ नहीं ले जाते थे, क्योंकि लोमड़ अपने घर से कुछ नहीं लाता था, उल्टे दूसरों की चीजों पर हाथ साफ कर देता था। जब से जानवरों ने लोमड़ का बहिष्कार किया तब से वह शरारत पर और आमादा हो गया। उसने तय कर लिया कि किसी न किसी तरकीब से पिकनिक की चीजों पर हाथ जरूर साफ करेगा। By Lotpot 20 Feb 2020
Stories बाल कहानी : बुद्धिमान व्यापारी की समझदारी बहुत दिन हुए, उत्तर भारत के एक गाँव में एक गरीब मजदूर रहता था। वह गाँव पहाड़ों और घने जंगल के किनारे बसा हुआ था, इसलिए अक्सर जंगलों में रहने वाले डाकू रात के समय इस गाँव पर धावा बोल दिया करते थे। डाकुओं को गाँव वालों से जो कुछ मिलता, उसे वह छीन कर ले जाते थे। By Lotpot 29 Jan 2020
Stories बाल कहानी : शक्ति सदा काम नहीं आती सुन्दर वन का राजा शेर सिंह बड़ा ही अत्याचारी और क्रूर शासक था। उसमें घमंड़ कूट-कूट कर भरा था। वह हर समय प्रजा पर अत्याचार किया करता था। इसलिए सब जानवर उससे नाराज थे लेकिन वे कर कुछ न पाते थे। आखिर बेचारे कुछ करते भी कैसे कहाँ जंगल का राजा और कहाँ तुच्छ प्रजा। By Lotpot 29 Jan 2020
Stories बाल कहानी : दुश्मनी का अंत इन्सपेक्टर हरीश ने घड़ी पर निगाह डाली रात के आठ बज रहे थे। उन्होंने सोचा कि थोड़ी देर सुस्ता लिया जाये पर तभी एक सिपाही ने पन्द्रह वर्षीय एक बालक के साथ उनके ऑफिस में प्रवेश किया। साहब यह लड़का आपसे कुछ कहना चाहता है। सिपाही ने बालक की ओर संकेत करके कहा। By Lotpot 28 Jan 2020
Stories बाल कहानी : मूर्ख कौन है? एक बार एक कुम्हार अपने गधे को लेकर कहीं जा रहा था। चलते चलते काफी देर हो गई। कुम्हार थक गया। इसलिये उसने अपने गधे को एक पेड़ के तने से बांध दिया और चादर बिछाकर पेड़ के नीचे आराम करने लगा। शाम का समय था। कुम्हार को अंधेरे में कुछ चमकता हुआ दिखाई पड़ा। By Lotpot 28 Jan 2020