Stories बाल कहानी- दावत-ए-शिराज दो जागीरदार थे, दोनों ही जिगरी दोस्त, पर दोनों के स्वभाव में जमीन आसमान का अंतर था। पहला जहाँ शान शौकत और दिखावे में विश्वास करता था, वहीं दूसरा सादगी पसंद था। एक बार किसी कार्यवश दूसरा जागीरदार पहले वाले के यहाँ गया। दोस्त को अपने यहाँ आया देख कर पहला जागीरदार बहुत खुश हुआ और दोस्त की आवभगत में उसने अपना जी जान लगा दिया। By Lotpot 21 Jan 2020
Stories बाल कहानी: इंडोर पेशेंट बाल कहानी: इंडोर पेशेंट- डॉक्टर माथुर धनी तो थे ही उसके साथ ही वह दयालु भी बहुत थे। जो भी रोगी उनके पास आता जब तक वह अच्छा न हो जाता तब तक वे उसका पूरी तरह ध्यान रखते और यदि उसके पास दवा के लिए पैसे न भी होते तो उसका अपने पास से पैसे खर्च करके इलाज करते। By Lotpot 20 Jan 2020
Stories बाल कहानी : विजय का साहस बाल कहानी : विजय का साहस - विजय अपने माता-पिता के साथ गाँव जा रहा था। वहाँ उसकी चचेरी बहन की शादी थी। पिता जी ने शादी में देने के लिए सुन्दर सुन्दर उपहार खरीदे थे जिसमें कपड़े, बर्तन और सोने के गहने भी थे। फैजाबाद से शाम को वे सब गंगा युमना एक्सप्रेस गाड़ी से रवाना हुए जो सुबह तक उनको आगरा पहँँुचा देती। जहाँ से बस पकड़कर वे दोपहर तक गाँव पहुँच जाते। By Lotpot 20 Jan 2020
Stories बाल कहानी : हार जीत बाल कहानी : हार जीत- चाँदनी रात थी। गधे राम को न जाने क्या सूझी, गाने लगे मल्हार। शेर साहब ने सोते-सोते आँखें खोल दी। क्रोध से उनका सारा शरीर काँप उठा। पारा जब सीमा से बाहर हो गया तो लगा दी जोर से दहाड़। सारा जंगल काँप गया, सारी प्रजा सोते-सोते उठ खड़ी हुई। सूचना एवं प्रसारण मंत्री काँव-काँव कौआ, परिवार कल्याण मंत्री श्री खरगोश लाल व निजी सचिव चूहे चुहे दास अविलम्ब हाजिर हुए। चारों ने एक साथ प्रश्न किया, ‘‘क्या हुआ वनराज? By Lotpot 20 Jan 2020
Stories बाल कहानी: गिरफ्तार छः चोर उन छः चोरों की चर्चा गाँव के बच्चे बच्चे की जुबान पर थी। प्रतिदिन पुलिस स्टेशन पर लोग इकट्ठा हो जाते, रातों को अपने घरों में होने वाली चोरियों की शिकायतें करते, परन्तु पुलिस भी उन छः चोरों को न पकड़ पा रही थी। सरकार ने चोरों पर ईनाम भी रखा था कि जो व्यक्ति चोरों को पकड़वाने में पुलिस की सहायता करेगा सरकार उसे पाँच हजार रुपये ईनाम में देगी। By Lotpot 20 Jan 2020
Stories शिक्षाप्रद कहानी : तुम एक दिन इस दुनिया में बहुत नाम कमाओगे जार्ज बहुत ही नेक स्वभाव के थे। एक दिन उन्होंने एक विकलांग वृद्धा को देखा जिसकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था। वे व्हील चेयर पर बैठी रहती थीं। अक्सर उनके व्हील चेयर को कोई नेक मनुष्य इधर से उधर घुमा जाता था। एक बार जार्ज ने उन्हें बगीचे में सुंदर फूलों को निहारते पाया तो उनसे बोला, By Lotpot 20 Jan 2020
Stories बाल कहानी : अपनेपन की छाँव उस जंगल में प्रति रविवार को एक स्पेशल बाजार लगा करता था जिसमें दास की तरह कई नौकर चाकर बिकने आया करते थे। एक दिन जंगल सम्राट ‘चंकी शेर’ अपने पुराने दास कालू भालू के साथ बाजार में पहुंचा। वहां कई किस्म के दास जानवर बिकने आये हुए थे... भालू बड़ा ही स्वामीभक्त था। अपने इस गुण के कारण वह अपने स्वामी का विश्वासपात्र बन गया था। वह अपने स्वामी से जो भी बात करता उस पर अमल अवश्य होता था। By Lotpot 17 Jan 2020
Stories बाल कहानी : बूढ़ी ताई का सपना मोहल्ले के सारे बच्चे ताई को बेहद चाहते थे। पढाई-लिखाई के बाद सारा समय ताई के साथ बिताते थे। ताई भी बिल्कुल अकेली थी। सफेद बाल धुनी हुई रूई जैसे चेहरे पर ढेरों झुर्रियों की लकीरें जैसे भूगोल के नक्शे में नदियाँ बह रही हो। मुँह में एक भी दाँत नहीं बड़ी भोली भाली सी पोपली हँसी थी ताई की। इतनी उम्र हो जाने पर भी ताई जसवन्ते बड़ी मेहनती थी। By Lotpot 17 Jan 2020
Stories बाल कहानी : नये साल का अमूल्य उपहार रोमिका जंगल का शासक ‘राॅकी शेर’ प्रति वर्ष नये साल पर खूब खुशियाँ मनाया करता। नये साल की नूतन बेला में वह जंगल के समस्त प्राणियों को दावत देता और विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएँ भी आयोजित करवाता। इससे जंगल के सभी प्राणी बड़े खुश रहते। और उन्हें नये साल के आगमन का हर साल बेसब्री से इंतजार रहता। एक साल-नूतन वर्ष के दिन संत मीन्टू भालू पधारे। उन्होंने अपना पड़ाव जंगल की सीमा पर ही जमाया। उनकी प्रसिद्धि की शौहरत सुनकर खुद ‘राॅकी शेर’ उनके दर्शनार्थ पहुँचा और बोला। आज नूतन वर्ष का शुभ दिन है। By Lotpot 03 Jan 2020