Motu Patlu E-Comics: ये कैसा क्रिसमस ट्री
दिसंबर का महीना चल रहा था, ठंड भी तेज़ हो रही थी। मोटू और पतलू दोनों पार्क से धुप सेंक कर आ रहे थे मगर रास्ते में उनको कुछ बच्चे मिलते हैं और वे सारे रो रहे थे। मोटू जल्दी से उन बच्चों के पास जाता है।
दिसंबर का महीना चल रहा था, ठंड भी तेज़ हो रही थी। मोटू और पतलू दोनों पार्क से धुप सेंक कर आ रहे थे मगर रास्ते में उनको कुछ बच्चे मिलते हैं और वे सारे रो रहे थे। मोटू जल्दी से उन बच्चों के पास जाता है।
एक दिन मोटू और पतलू घर में बैठे हुए थे की तभी उनका फ़ोन बजता है तो मोटू फ़ोन उठता है, उधर से नीटू बोलता है की मोटू भैया मुझे अपने मामा के घर जाना है, मुझे वहाँ 2 दिन लगेंगे।
मोटू पतलू शाम को टहलने गए हुए थे जहाँ उन लोगों को अचानक से आसमान से एक स्पेसशिप आती हुई दिखाई दी दोनों उसको देखते ही घर की तरफ भागे, उन दोनों को लगा की आज ही ये दुनिया ख़त्म होने वाली है।
एक दिन घसीटा डॉ. झटका के पास गया और उदास होकर बोलने लगा की इस बार गर्मी की छुट्टियों मैं कहीं जा नहीं पाउँगा बहुत सारा काम है, यह सुनते ही डॉ. झटका ने बताया की भाई मेरे पास तो मुफ्त का हॉलिडे पैकेज है फिर भी मैं कहीं नहीं जा सकता।