E-Comic : पपीताराम और ख्याली पुलाव
बच्चों, क्या आपने कभी भूख लगने पर सिर्फ़ कल्पना में खाना खाया है? या फिर किसी दोस्त से कुछ वादा किया हो, और बाद में पता चले कि वह तो सिर्फ़ एक मज़ाक था?
बच्चों, क्या आपने कभी भूख लगने पर सिर्फ़ कल्पना में खाना खाया है? या फिर किसी दोस्त से कुछ वादा किया हो, और बाद में पता चले कि वह तो सिर्फ़ एक मज़ाक था?
नमस्ते बच्चों! क्या आपने कभी सोचा है कि जब मोटू और पतलू, जो हमेशा अपनी हरक़तों से मुसीबत मोल लेते हैं, एक धार्मिक जागरण करने का फ़ैसला करें तो क्या होगा?
नीटू एक नटखट और जिज्ञासु बच्चा था। उसकी दुनिया हमेशा रोमांच और शरारत से भरी रहती थी। एक दिन अचानक उसे अजीब-सी आवाज़ सुनाई दी। कान बजने लगे तो नीटू को लगा कि शायद उसे भ्रम हो रहा है।
पपीताराम और नेकी का फल : कहानी की शुरुआत होती है पपीता राम से, जो डॉक्टर अंकल से मिलने क्लिनिक जाता है। डॉक्टर मरीजों को देखने में व्यस्त होते हैं, तो पपीता राम बाहर बेंच पर बैठ जाता है। उसके पास ही लगभग आठ साल का एक बच्चा बैठा है।
E-Comic शेखचिल्ली और रॉकेट : अगर आप सोचते हैं कि हवा में उड़ना सिर्फ परियों और सुपरहीरोज़ का काम है, तो तैयार हो जाइए, क्योंकि षेख चिल्ली और उनके अतरंगी दोस्त नूरी जिन्न एक बार फिर लेकर आए हैं ऐसी मस्ती और मुसीबत की कहानी
कहानी "पपीता राम और हलवा" में पपीता राम, अपनी मम्मी से हलवा बनाने की फरमाइश करता है। मम्मी, जो खुद को थका हुआ महसूस कर रही हैं, उसे खुद हलवा बनाने की सलाह देती हैं।
संडे का दिन था, पपीताराम के दोस्त उनको अपने साथ स्विमिंग करने के लिए ले जाते हैं। वहां पहुँच कर पपीताराम के दोस्त बोलते हैं कि आज तो बहुत मज़ा आने वाला है।