कॉमिक : पपीता राम और हलवा
कहानी "पपीता राम और हलवा" में पपीता राम, अपनी मम्मी से हलवा बनाने की फरमाइश करता है। मम्मी, जो खुद को थका हुआ महसूस कर रही हैं, उसे खुद हलवा बनाने की सलाह देती हैं।
कहानी "पपीता राम और हलवा" में पपीता राम, अपनी मम्मी से हलवा बनाने की फरमाइश करता है। मम्मी, जो खुद को थका हुआ महसूस कर रही हैं, उसे खुद हलवा बनाने की सलाह देती हैं।
संडे का दिन था, पपीताराम के दोस्त उनको अपने साथ स्विमिंग करने के लिए ले जाते हैं। वहां पहुँच कर पपीताराम के दोस्त बोलते हैं कि आज तो बहुत मज़ा आने वाला है।
एक दिन पपीताराम अपनी सेहत को लेकर थोड़ा परेशान हो गए, वो अपनी इस परेशानी से निजात पाने के लिए डॉक्टर के पास गए। डॉक्टर के पास पहुंचते ही पपीताराम ने डॉक्टर साहब को गुड इवनिंग किया।
एक दिन की बात है पपीता राम कहीं से घूम कर घर में आता है और अपनी मम्मी को आवाज़ लगाता है 'मम्मी ओ मम्मी कहाँ हो'। पपीता राम की आवाज़ सुनकर उसकी मम्मी किचन में से आवाज़ देती हैं की बताओ क्या हुआ?
एक दिन की बात है पपीता राम दोपहर का खाना खा कर घर में आराम कर रहे थे तभी उनको फिर से भूख लग आई। पपीता राम ने मम्मी से खाने के लिए बोला तो मम्मी ने डांट कर बोला की जाकर बाहर से खा आओ।
पपीता राम खाने के शौक़ीन तो हैं ही, साथ ही अगर कोई नयी दुकान खुले तो वो उसके यहाँ का हर एक आइटम ज़रूर चखते हैं। एक दिन पपीता राम के घर के पास मार्किट में एक नयी भेल पूरी की दुकान खुली।