पपीता राम की होली – रंगों से भागता बच्चा आखिरकार होली में डूबा
पपीता राम एक नटखट और जिद्दी लड़का था, लेकिन उसे होली खेलना बिल्कुल पसंद नहीं था। जब उसके दोस्त रंग और पिचकारी लेकर उसके पास आए, तो उसने सीधे हाथ जोड़कर मना कर दिया –
पपीता राम एक नटखट और जिद्दी लड़का था, लेकिन उसे होली खेलना बिल्कुल पसंद नहीं था। जब उसके दोस्त रंग और पिचकारी लेकर उसके पास आए, तो उसने सीधे हाथ जोड़कर मना कर दिया –
एक छोटे से कस्बे में, जहां बच्चों की खुशियाँ और सपने उनके स्कूल के मैदान में खेलकूद के साथ बुने जाते थे, वहाँ पपीता राम नाम का एक नन्हा विद्यार्थी अपनी अनोखी चुनौतियों का सामना कर रहा था।
पपीता राम, जो एक मजेदार और चुलबुला लड़का है, अपनी मम्मी से ₹500 मांगता है। घर में आते ही वह मम्मी को पुकारता है, जिससे मम्मी घबराकर पूछती हैं कि आखिर बात क्या है।
यह कहानी पपीताराम और उसके दोस्त की मजेदार बातचीत और हास्यास्पद स्थिति पर आधारित है। कहानी की शुरुआत होती है जब पपीताराम का एक दोस्त, जो बहुत सारा खाना लेकर आता है,
एक मजेदार कहानी में, पपीता राम नाम का एक जिंदादिल लड़का एक अनोखी चुनौती का सामना करता है। एक आदमी ने पपीता राम से मदद मांगी क्योंकि उसकी ससुराल से आए एक व्यक्ति ने चुनौती दी थी
कहानी "पपीता राम और हलवा" में पपीता राम, अपनी मम्मी से हलवा बनाने की फरमाइश करता है। मम्मी, जो खुद को थका हुआ महसूस कर रही हैं, उसे खुद हलवा बनाने की सलाह देती हैं।