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पपीता राम की होली- पपीता राम एक नटखट और जिद्दी लड़का था, लेकिन उसे होली खेलना बिल्कुल पसंद नहीं था। जब उसके दोस्त रंग और पिचकारी लेकर उसके पास आए, तो उसने सीधे हाथ जोड़कर मना कर दिया – "No... Never!"
🚪 रंगों से बचने के लिए दरवाजे में कैद!
उसके दोस्त उसे मनाने की पूरी कोशिश करते हैं। वे उसकी मम्मी से भी मदद मांगते हैं, लेकिन पपीता राम किसी की नहीं सुनता। वह दरवाजा बंद कर लेता है और फैसला करता है कि जब तक होली खत्म नहीं हो जाती, वह बाहर नहीं निकलेगा।
लेकिन तभी – डिंग डॉन्ग! ⏳
🍕 होली के पकवान का जादू!
दरवाजे के बाहर से आवाज आती है – "होली के पकवान!" 😋
पपीता राम के लिए खाने का लालच सबसे बड़ा था! जैसे ही उसने बाहर झांका, उसने देखा कि उसकी मम्मी एक बड़ी प्लेट में समोसे, पिज़्ज़ा और कई स्वादिष्ट चीज़ें लेकर खड़ी हैं।
"वाह! सिर्फ पकवान, बिना रंगों के? यह तो कमाल की होली है!" 🤩
वह तुरंत दरवाजा खोलता है और खाने पर टूट पड़ता है, लेकिन तभी...
🌈 पकवान से निकले रंग!
जैसे ही पपीता राम समोसे पर पहला निवाला लेता है, उसमें से गुलाल निकलकर उस पर गिर जाता है! 🤯
वह हैरान रह जाता है! पिज्ज़ा काटते ही रंग उड़कर उसके ऊपर आ जाते हैं। धीरे-धीरे, हर पकवान से होली के रंग निकलने लगते हैं और पपीता राम पूरी तरह रंगों में नहा जाता है।
अब उसके सभी दोस्त चिल्लाते हैं – "हैप्पी होली!" 🎉
🤭 मम्मी की चालाकी और पपीता राम की हार!
पपीता राम देखता है कि उसकी मम्मी उसकी इस ‘रंगीन’ हालत को देखकर मुस्कुरा रही हैं। उसके दोस्त मम्मी को धन्यवाद देते हुए कहते हैं –
"थैंक यू आंटी! आपकी मदद के बिना यह बिल्कुल नहीं हो पाता!" 😆
अब पपीता राम गुस्से से अपनी मम्मी को देखता है, लेकिन साथ ही हंस भी पड़ता है!
🌟 Comic से सीख (Moral of the Comic)
✅ होली सिर्फ रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि खुशी और मस्ती का उत्सव है।
✅ नई चीजों को आजमाने से डरना नहीं चाहिए, कभी-कभी बदलाव अच्छा होता है।
✅ परिवार और दोस्तों के साथ त्योहारों का मजा दोगुना हो जाता है!
🎭 आखिर में पपीता राम को भी समझ आ गया – होली खेलना भी उतना ही मजेदार हो सकता है, जितना कि स्वादिष्ट पकवान खाना! 😆🌸🎨