बाल कहानी : कामचोर
कामचोर- राजू! ओ राजू! माँ ने पुकारा। ओ हो जब देखो काम ही काम, जरा देर हुई नहीं खेलते की चिल्लाना शुरू। राजू बड़बड़ाते हुए माँ के सामने जा पहुँचा। क्या है माँ? उसने पूछा। बेटा जरा बाजार जाकर सब्जी तो ले आना। माँ बोली। ओह! माँ जब घर मे नौकर है तो फिर तुम मुझे ही बेवजह क्यों परेशान करती हो नौकर से मंगवा लो। और राजू गिल्ली डंडा उठाकर फिर जा पहुँचा मैदान में। बिना माँ के जवाब की प्रतीक्षा किये।