Travel: दक्षिण का काशी है मल्लिकार्जुन भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिगों में से एक मल्लिकार्जुन भगवान हैं, जो श्री शैल पर्वत पर निवास करते हैं। यहाँ पर त्रिपुरासुर का वध कर भगवान शिव त्रिपुरारी कहलाए। By Lotpot 17 Nov 2023 in Travel New Update दक्षिण का काशी है मल्लिकार्जुन Travel दक्षिण का काशी है मल्लिकार्जुन:- भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिगों में से एक मल्लिकार्जुन भगवान हैं, जो श्री शैल पर्वत पर निवास करते हैं। यहाँ पर त्रिपुरासुर का वध कर भगवान शिव त्रिपुरारी कहलाए। (Travel) ब्रहो्रसोयम् स विषेशः, सा काशी हेमलापुरी, सा गंगा तुंग भद्रेयम सत्यमेवं न संशयः जिस तरह वरुण-अस्सी नदियों के बीच वाराणसी (काशी) बसी है उसी तरह वेदवती तथा नेत्रवती नदियों के बीच श्री शैल पर्वत पर मल्लिकार्जुन है इसलिए इसे ‘दक्षिण काशी’ भी कहा जाता है। (Travel) सृष्टि से पूर्व ब्रम्हा ने यहां तप कर ब्रह्मेश्व बनकर ब्रह्मलोक प्राप्त किया था... सृष्टि से पूर्व ब्रम्हा ने यहां तप कर ब्रह्मेश्व बनकर ब्रह्मलोक प्राप्त किया था। कृत युग में हिरण्यकश्यप यहां का राजा था जो खुद अपनी पूजा करवाता था। स्कंद पुराण के सनतकुमार संहिता के अनुसार दक्षिण काशी के नाम से प्रसिद्ध हेमलापुरी कृष्णा एवं तुंगभद्रा नदी के संगम पर बसी है। यहीं से पाताल गंगा भी निकली हैं। (Travel) इस क्षेत्र को पृथ्वी का नाभिस्थान माना गया है। यहीं पर त्रिपुरसुंदरी देवी ने त्रिपुरांतक का वध किया था। यह वही जगह है जहां भगवान शिव के बेटे कार्तिकेय ने तारकासुर का वध किया था। ब्रह्मगिरी, रुद्रगिरी एवं पुष्पगिरी के मध्य श्री शैल पर विराजित मल्लिकार्जुन के विषय में कहते हैं कि एक बार यहां दर्शन करने से इंसान का पुनर्जन्म नहीं होता। मान्यता है कि पिनाकिन नदी के तट पर स्थापित सिद्धवर का स्पर्श करने से सारे पाप धुल जाते हैं। यहीं पर अगस्त्य, अत्रि, वशिष्ठ, कपिल, जड़ भरत, नित्यनाथ जैसे कई ऋषि-मुनियों ने तपस्या कर सिद्धि प्राप्त की थी। (Travel) कहते हैं कि भारत में हिंदवी स्वराज की स्थापना के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज शिवजी की शरण में आए। अपने दुश्मनों का खात्मा करने के लिए उन्होंने त्रिपुरारी की पूजा-अर्चना कर देश से मुगलों का खात्मा कर हिंदवी स्वराज की स्थापना की। 1674 में श्री शैल आए छत्रपति शिवाजी महाराज ने मल्लिकार्जुन मंदिर की सुरक्षा के लिए गुरिल्ला युद्ध के प्रशिक्षित सैनिकों की तैनाती की थी। (Travel) मंदिर की उत्तर दिशा में शिवाजी का गोपुर है जिसे शिवाजी भवन कहा जाता हैं। इसे शिवाजी ध्यान मंदिर भी कहा जाता है। मुगलों से लड़ाई करते समय महाराष्ट्र के जो सैनिक शहीद हुए थे उनके वंशज आज भी यहां आते हैं और उनकी प्रतिमा पर पुष्पाहार अर्पित करते हैं। (Travel) lotpot-e-comics | lotpot-latest-issue | travel-destinations | लोटपोट | sair-spaattaa | Kashi of South is Mallikarjuna यह भी पढ़ें:- Travel: विश्वास स्वरूपम नाथद्वारा की भव्य राजसी शिव प्रतिमा Travel: 572 छोटे बड़े द्वीपों से मिलकर बना है अण्डमान और निकोबार Travel: वरुणा नदी और अस्सी घाट के बीच में बसा शहर वाराणसी Travel: भारत का सास-बहु मंदिर #लोटपोट #Lotpot #Lotpot latest Issue #सैर सपाटा #Travel destinations #lotpot E-Comics #दक्षिण का काशी है मल्लिकार्जुन #Kashi of South is Mallikarjuna You May Also like Read the Next Article