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रेवाड़ी का स्टीम लोकोशेड
Travel रेवाड़ी का स्टीम लोकोशेड:- छुक-छुक करते भाप के इंजन जो अब की हमारी वर्तमान पीढ़ी की निगाह में इतिहास बन चुके हैं, लेकिन ये रेवाड़ी स्टीम हेरिटेज लोकोशेड के लिए ऐतिहासिक धरोहर हैं। देखने का नजरिया ही तो है आज इतिहास बने ये इंजन दर्जनों फिल्मों में सुपरस्टार की भूमिका निभा रहे हैं। रेवाड़ी रेलवे के साथ ही लगती रेलवे कॉलोनी में बना लोकोशेड वीकेंड ट्रेवल के लिए बेहतरीन जगह हो सकता है। पर्यटन के तौर पर इस लोकोशेड को विकसित करने के लिए रेलवे भी करोडों खर्च कर चुका है, जिसके चलते ही आज रेवाड़ी को पर्यटन मानचित्र पर अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है। (Travel)
लोकोशेड की स्थापना
स्टीम लोकोशेड की स्थापना वर्ष 1893 में हुई थी। इसके बाद यह बीच में बंद भी हो गया था। 2002 में इसे दोबारा खोला गया। 14 अगस्त, 2002 के तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार ने रेवाड़ी के स्टीम शेड का उद्घाटन किया और इसे रेलवे विरासत के रूप में स्थापित कर दिया। इसमें म्यूजियम, लाइब्रेरी, आदि भी बनाई गई। यहां पांच ब्रॉड गेज के इंजन और पांच ही मीटर गेज के इंजन हैं। पर्यटक गाड़ियों में यहीं से इंजन जाते हैं। फिल्मों में भी इन इंजनों का इस्तेमाल किया जाता है। गुरू, गांधी-माई फादर, रंग दे बसंती, गदर, भाग मिल्खा भाग, 1942-ए लव स्टोरी आदि फिल्मों में यहां से गए इंजनों का प्रयोग हुआ है। एक समय जंगल और कूड़ेघर की शक्ल ले चुके रेवाड़ी के इस लोकोशेड में आज रेलवे की अमूल्य धरोहर को सजाने का म्यूजियम तो बना ही है, साथ ही पांच सितारा होटलों जैसी एयरकंडीशंड सुविधाओं वाला कैफेटेरिया और लाउंज भी हर किसी को आकर्षित करता है। (Travel)
पर्यटकों का अहम पड़ाव
रेल मंत्रालय यदि उच्च स्तर पर प्रयास करे तो आज भी दिल्ली से शेखावटी का सफर करने वाले विदेशी पर्यटकों के लिए रेवाड़ी एक अहम पड़ाव बन सकता है। हर साल यहां विभिन्न देशों से पर्यटक आते हैं। दिल्ली से राजस्थान की ओर जाने वाले पर्यटक हों या फिर राजस्थान से दिल्ली की ओर जाते वक्त ही पर्यटक कुछ देर के लिए यहां रूकते हैं। हाल ही में लोकोशेड में बच्चों के लिए टॉय ट्रेन की पटरियां भी बिछा दी गई हैं तथा दो छोटी ट्रेन भी यहां पर लाई गई हैं, जो संभवतः जल्द ही दौड़ने लगेंगी। (Travel)
फिल्मों मे भाप इंजन
एतिहासिक लोकोशेड बॉलीवुड के लिए एक अहम स्थान बन चुका है। हर साल अब यहां दो से तीन फिल्मों की शूटिंग की जाती है। चाहे सुल्तान में सलमान खान के साथ दौड़ लगाने का काम हो या फिर भाग मिल्खा भाग में फरहान अख्तर के साथ कदम से कदम मिलाने का सीन, यहां के भाप इंजनों ने हर बार सुपरहिट परफॉरमेंस ही दी है। करीना, अर्जुन कपूर से लेकर सोनम कपूर व अनिल कपूर तक यहां शूटिंग कर चुके हैं। ऐतिहासिक फेयरी क्वीन तो हर साल विदेशी पर्यटकों को दिल्ली से रेवाड़ी और रेवाड़ी से अलवर तक की सैर कराती है। (Travel)
कैसे पहुँचें रेवाड़ी
अपने बच्चों के साथ छुट्टी का मज़ा लेना चाहते हैं, तो रेवाड़ी आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है। दिल्ली से सिर्फ 80 किलोमीटर दूर रेवाड़ी जाने के लिए दिल्ली रेलवे स्टेशन से कई ट्रेनें चलती हैं। आप बस या कार द्वारा भी जा सकते हैं। यहां रेलवे की समृद्ध विरासत की झलकियां देखने को मिलेंगी। दिल्ली की भीड़भाड़ से दूर रेवाड़ी की सैर और एसी कैफेटेरिया में कॉफ़ी का सिप लेना एक सुकून देने वाला अहसास होगा। भाप के इंजन जैसे अतीत की चीजों में बच्चों को देखने के लिए एक नई चीज़ मिल सकती है। (Travel)
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