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उगते सूरज की भूमि 'अरूणाचल प्रदेश'
Travel उगते सूरज की भूमि अरूणाचल प्रदेश:- 'भोर की रोशनी वाले पहाड़ों की भूमि' या ‘उगते सूरज की भूमि’ के रूप में लोकप्रिय, अरुणाचल प्रदेश भारत का सबसे दूरस्थ राज्य है और उगते सूरज को नमस्कार करने वाली पहली भारतीय भूमि है। भारत के उत्तरपूर्वी सिरे पर स्थित, इसकी सीमाएँ चीन, भूटान और बर्मा (म्यांमार) को छूती हैं, यह खूबसूरत भूमि वनस्पतियों और जीवों की चमकदार श्रृंखला से संपन्न है जो किसी भी पर्यटक को लुभाने के लिए निश्चित है। अरुणाचल प्रदेश के घने जंगलों में ऑर्किड की 500 से अधिक दुर्लभ प्रजातियाँ पाई जाती हैं। धुंध भरी पहाड़ियाँ, चमचमाती नदियाँ, कलकल करते झरने इस अविश्वसनीय भूमि की सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं। अरुणाचल प्रदेश का उल्लेख कालिका पुराण और महान हिंदू महाकाव्य महाभारत के साहित्य में भी मिलता है। (Travel)
सेला दर्रा
अरूणाचल प्रदेश में सेला दर्रा ऐसा अद्भुत स्थान है, जहां धरती और स्वर्ग आपस में मिलते हुए प्रतीत होते हैं। माना जाता है कि सेला दर्रा के आसपास लगभग 101 झील हैं, जो कि प्राकृतिक संपदा का जीता-जागता नमूना हैं। ये झील बौद्ध धर्मावलंबियों लिए आध्यात्मिक महत्व रखती हैं। शायद इसीलिए सेला झील को पैराडाइज लेक भी कहा जाता है। हमने इसी स्वर्ग को आंखों से देखने और मन से छुने का फैसला किया था। यह 4170 मी. यानी 13700 फीट की ऊंचाई पर अरूणाचल प्रदेश में हिमाचल पर्वतमाला का वह हिस्सा है, जो पूर्व में म्यांमार, पश्चिम में भूटान व उत्तर-पूर्व में चीन से घिरा है। हम पिछले पांच वर्षों से अरूणाचल प्रदेश जाने का सपना देख रहे थे, लेकिन यह इस साल पूरा हुआ। अपने परिवार के सदस्यों व अभिन्न मित्रों के साथ हम निकल पड़े धरती पर इस स्वर्ग को निहारने। (Travel)
गर्म पानी के प्राकृतिक झरने
अरुणाचल प्रदेश नदियों से भरा हुआ है, पर यहाँ पानी और बिजली की कमी है। यहाँ गर्म पानी के प्राकृतिक झरने कुदरत का एक नायाब उपहार हैं, पर बहुत दुख की बात है कि इन झरनों का पानी बिल्कुल व्यर्थ हो रहा है। अगर इन झरनों के खनिजों से भरे पानी का लाभ लेना भी चाहें तो पर्यटकों को गिरते-पड़ते उनके प्वाइंट तक पहुँचने के लिए बहुत मशक्कत करनी पड़ती है, इसका सरल रास्ता बनाने की जरूरत है। एक बात और, एक तरफ तो यहाँ के पर्यटक स्थलों में हाथ और मुंह धोने तक के लिए भी पानी नहीं है और यही नहीं जब इस क्षेत्र का तापमान शून्य से भी नीचे चला जाता है तब भी ये गर्म पानी के झरने यूं ही बरबादी का मंज़र बने रहते हैं। जर्मनी में गर्म पानी के झरनों को पर्यटन में बहुमूल्य रूप से उपयोगी बनाकर पर्यटन और प्रकृति के बीच सुंदर ताल-मेल बनाया गया है। (Travel)
एशिया का सबसे साफ गांव
मावल्यान्नॉंग गाँव मेघालय राज्य के उत्तरी पहाड़ी क्षेत्र में बसा हुआ है। इसे ईश्वर का अपना उपवन कहा जाता है। इसे वर्ष 2003 में एशिया का सब से स्वच्छ गाँव घोषित किया गया था। अपनी स्वच्छता के लिए प्रसिद्ध यह गाँव शिलॉंग से 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। गाँव के निवासी स्वयं सड़कों की सफाई का ध्यान रखते हैं और पत्तियाँ या कचरा जो भी पड़ा होता है खुद उठा कर कूड़ेदान में डाल देते हैं। गाँव में जगह जगह पर बांस के कूड़ेदान रखे हुए दिखाई देते हैं। वृक्षों के जड़ों से निर्मित पुल, ऐसे अनेक पुल गाँव के आस पास देखे जा सकते हैं। (Travel)
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